सुधीर शिंदे इंदौर। हेलमेट की अनिवार्यता बताते हुए आरटीओ, एआरटीओ व अन्य अधिकारियों ने शहरभर में अभियान चलाकर दोपहिया वाहन चालकों को तो हेलमेट पहना दिए, लेकिन वे अपने बाबुओं को हेलमेट पहनाने में असफल साबित हो रहे हैं। शहर से दूर बायपास के नजदीक नायता मुंडला में बने नए परिसर तक पहुंचने के लिए विभाग के ही दर्जनों बाबू बिना हेलमेट के पहुंच रहे हैं।
इसमें कई बाबू ऐसे हैं जो शहर के प्रमुख चौराहों पर चले अभियान के दौरान आरटीओ एमपी सिंह के साथ मौजूद थे और वाहन चालकों को रोककर या नया हेलमेट खरीदने या चालान बनवाने के लिए मजबूर कर रहे थे। वहीं परिवहन अधिकारी अपने परिसर में ही इसे अनिवार्य नहीं कर पाए हैं। यही कारण है कि दोपहिया लाइसेंस की ट्रायल देने वाले वाहन चालक बिना हेलमेट के ही ट्रायल ट्रैक पर गाड़ी दौड़ा रहे हैं।
दे दिया नया काम
वाहन चलाने वालों के लिए तो पूरी तरह हेलमेट अनिवार्य करने में अधिकारी सफल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव ने फरमान जारी करते हुए पीछे बैठने वालों के लिए भी हेलमेट अनिवार्य करने के लिए अभियान चलाने का नया काम दे दिया है। इस कारण अब वे ही कार्रवाई में शामिल नहीं होते जो हेलमेट नहीं लगाते।
... तो डीलरों के रजिस्ट्रेशन निरस्त
परिवहन आयुक्त द्वारा हेलमेट अनिवार्य करने को लेकर दिए आदेश के बाद गुरुवार को परिवहन उपायुक्त संजय सोनी व आरटीओ सिंह ने दोपहिया वाहन डीलरों की बैठक ली, जिसमें सभी को मोटर व्हीकल एक्ट का हवाला देते हुए निर्देश दिए कि वाहन बेचते समय ही खरीदार को आईएसआई मार्क वाला हेलमेट भी दिए जाए। इस नियम का पालन नहीं करने वाले डीलरों का अगस्त से गाड़ी बेचने संबंधी रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।
सभी के लिए अनिवार्य
हेलमेट सभी दोपहिया वाहन चालकों के लिए अनिवार्य है। कर्मचारियों को भी हेलमेट के लिए आदेशित किया जाएगा। नहीं लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
-डॉ. एमपी सिंह आरटीओ