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व्यापमं ने ये कहां लिखा है कि एक से अधिक पेन का इस्तेमाल नहीं हो

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 26 2016 10:24AM | Updated Date: Jul 26 2016 10:24AM
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तेजकुमार सेन  इंदौर। जीएसआईटीएस कॉलेज के दो छात्र-छात्राओं को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। व्यापमं द्वारा उनके पीईटी के रिजल्ट निरस्त करने के विरुद्ध दायर याचिका स्वीकार करते हुए आदेश को खारिज करने के साथ ही कोर्ट ने कहा है कि व्यापमं ने परीक्षा के नियम 1.9 में यह तो लिखा है कि ब्लैक डॉट पेन का इस्तेमाल किया जाए, लेकिन ऐसे ब्लैक डॉट पेन एक से अधिक न हों, ये कहां लिखा है? इन दोनों के लिए यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि उन्होंने इसी साल इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी कर ली है।

जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस विवेक रूसिया की डिविजन बेंच ने विकल्प नायक व श्रेया भार्गव की ओर से एडवोकेट प्रसन्ना आर. भटनागर के माध्यम से दायर याचिका पर उक्त फैसला सुनाया। वर्ष 2011-12 के लिए हुई पीईटी में  दोनों परीक्षार्थी पास हुए थे। उन्होंने 2012 में जीएसआईटीएस कॉलेज में एडमिशन लिया था। जब वे थर्ड ईयर में आए थे उस समय 15 सितंबर 2015 को उन दोनों के अलावा दो अन्य छात्रा मेघना भदौरिया व नेहा महिंद्रा का पीईटी का रिजल्ट व्यापमं ने इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि उनके द्वारा ओएमआर शीट में अनुचित साधनों का प्रयोग किया गया है।

यह बनाया आधार
व्यापमं द्वारा कहा गया कि एसटीएफ के माध्यम से हुई जांच में यह बात सामने आई कि याचिकाकर्ता विकल्प ने परीक्षा के दौरान दो पेन का उपयोग किया। पहले पेन से जो गोले भरे उसमें कुल 107 प्रश्न हल किए जिसमें से 45 सही थे, जबकि दूसरे पेन से जो गोले भरे उसमें 93 में से 90 सही थे। इसी तरह श्रेया के पहले पेन के गोले में 112 में से 77 सही थे, जबकि दूसरे पेन वाले गोले में 88 में से 84 सही थे।

याचिकाकर्ताओं ने ये तर्क दिए

दोनों न केवल पहली से 12वीं कक्षा तक उच्च श्रेणी के अंक लेकर पास हुए बल्कि इंजीनियरिंग कॉलेज के जो तीन साल की परीक्षाएं दीं उसमें भी 70 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए हैं। ऐसे में उनकी बुद्धि कौशल पर सवाल उठाना अनुचित है। पीईटी देने के दौरान जो कोचिंग क्लास ज्वॉइन की थी, वहां सिखाया गया था कि जो प्रश्न पहले आए उसे पहले किया जाए। इसी के चलते उनके द्वारा वे प्रश्न पहले हल किए जिनके बारे में वे पूरी तरह आश्वस्त थे। चूंकि परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं थी, इसलिए सभी प्रश्नों को हल किया। हो सकता है कि इस दौरान पेन बदला हो, क्योंकि पेन बदलने पर परीक्षा में कोई बंदिश नहीं थी। एसटीएफ की जांच रिपोर्ट में न तो ये बताया गया कि गड़बड़ी हुई है तो इसमें व्यापमं का कौन अधिकारी या कर्मचारी शामिल है और न ही यह स्पष्ट है कि जो दो अलग-अलग पेन उपयोग में आए उनका समय क्या अलग-अलग था? ऐसे में ये किस आधार पर कहा जा सकता है कि इसमें गड़बड़ी हुई है। इन तर्कों के आधार पर कोर्ट ने व्यापमं के परीक्षा निरस्ती के उक्त आदेश को खारिज कर दिया। कोर्ट ने माना कि केवल दो पेन का इस्तेमाल होने को गड़बड़ी का आधार कैसे माना जा सकता है।

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