कृष्णपाल सिंह इंदौर। खाली और खूबसूरत चौराहा। सुबह से शाम तक रेंगते वाहन। न कोई मजबूत निर्माण, न ही बिल्डिंग और न ही दीवार। कब्जा है भी तो छोटा सा। जिम्मेदार थोड़ा दम भरें तो चौराहे को ‘आजादी’ मिल जाए और वाहनों को गुत्थमगुत्था होने से मुक्ति। हम बात कर रहे हैं विजय नगर क्षेत्र स्थित सत्यसाई चौराहे की। चौराहे के नजदीक ही ‘आलीशान’ स्कूलों की भरमार है। बॉम्बे हॉस्पिटल की ओर से आने पर चौराहे के लेफ्ट टर्न पर बड़ा शेर लगा हुआ है और उसके पीछे सवा शेर जम गए हैं। फिर बात स्कूल बसों की करें या टाटा मैजिक और आॅटो रिक्शा की। इनके कारण सुबह से शाम तक वाहन उलझते रहते हैं, लेकिन न तो प्रशासन और न ही नगर निगम के जिम्मेदारों को यह दुर्दशा नजर आती है। अगर चौराहे के आसपास ‘सख्ती’ से जेसीबी गुजर जाए तो रास्ता साफ होने में देर न लगे।
चौड़ा होने के बाद भी सिकुड़ गया
चौराहे को खूबसूरत बनाने के लिए एक ओर शेर खड़ा कर रखा है तो उसके पहले ही बस स्टॉप बना रखा है। यह रोड से सटकर बना दिया गया। रही-सही कसर जेंट्रीगेटर के पोल ने पूरी कर दी। इस कारण टर्न चौड़ा होने के बाद भी संकरा हो गया है। टर्न के पास ही आॅटो रिक्शा वालों ने स्टैंड बना लिया। इसके बगल में एआईसीटीएसएल आईबाइक के टीन-टप्पर लगे है, जहां कभी-कभार ही कोई दिखाई देता है। इसका फायदा उठाकर तंबू की आड़ में सर्विस रोड और फुटपाथ पर मटकों की बहार आ गई है। यहां आकर्षक डिजाइन वाले सैकड़ों मटके और गमले रखकर बेचे जाते हैं। एक ओर निगम की टीम शहर के फुटपाथ को अतिक्रमणमुक्त करा रही है, वहीं इस चौराहे के प्रति उदासीन है।
दोपहर व शाम को मशक्कत
दोपहर एक से डेढ़ बजे और शाम को यहां अक्सर वाहन रेंगते दिखाई देते हैं, क्योंकि बसों के अलावा टाटा मैजिक भी सड़क पर ही खड़ी हो जाती हैं। इसके चलते पीछे वालों को निकलने का रास्ता नहीं मिलता। इस रास्ते पर स्कूलों के अलावा अस्पताल भी हैं। वहीं विजय नगर से रिंग रोड को भी जोड़ता है। यही कारण है कि चौराहे पर सुबह से रात तक ट्रैफिक का दबाव बना रहता है।
सीधी बात
महेंद्रसिंह चौहान (उपायुक्त)
सत्यसाई चौराहे पर अतिक्रमण हो गए हैं?
- हां, उन्हें समझाइश दी गई है।
चौराहे के लेफ्ट टर्न पर शेर कब्जा कर खड़ा हो गया?
- हटाने की कार्रवाई करेंगे।
चौराहे पर मटके और गमले वालों का साम्राज्य कैसे हो गया?
- बार-बार समझाइश देते हैं और सामान भी जब्त करते हैं, लेकिन ये फिर आ जाते हैं।
तो क्या कार्रवाई नहीं करेंगे?
- पहले समझाएंगे, फिर भी नहीं माने तो सामान जब्त करेंगे।
टर्न की रुकावटों को दूर करने की कोई प्लानिंग नहीं है?
- लेफ्ट टर्न में बाधक निर्माण हटाए जाएंगे।