कृष्णपाल सिंह इंदौर। 56 दुकान का मामला विधानसभा में उठने के बाद शहर के चर्चित मार्केट के अस्तित्व को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। इसे मामले में नगर निगम ने विधानसभा को जवाब भेज दिया है, जिसमें बगैर नक्शा पास किए सड़क पर दुकानें बनाने का उल्लेख है। यहां मास्टर प्लान के हिसाब से रोड 100 फीट चौड़ी होना चाहिए, लेकिन फिलहाल यह 80 फीट है। ऐसे में यहां के दुकानदारों के व्यापार पर भी संकट नजर आ रहा है। ऐसे में इनके विस्थापन पर भी मंथन शुरू हो गया है।
शाम को जाम : न्यू पलासिया, ओल्ड पलासिया, रेसकोर्स रोड, एमजी रोड का ट्रैफिक शाम छह बजे के बाद छप्पन दुकान पर जाम हो जाता है। यहां मार्केट, शोरूम और होटल बनने से वाहनों की पार्किंग के बाद रास्ता सिकुड़ जाता है। ऐसे में सड़क चौड़ीकरण जरूरी है।
निगम का विधानसभा को दिया जबाव
प्रशासन ने 1975 एवं 1976 में 50 दुकानों के निर्माण की अनुमति दी थी। निगम ने भारतीय स्टेट बैंक से ऋण लेकर दुकानें बनाई थीं। दुकानें सड़क की चौड़ाई की परिधि में ही बनाई थी, लेकिन नक्शा स्वीकृत नहीं कराया था। तत्कालीन आयुक्त की अनुशंसानुसार 50 दुकानों के स्थान पर 57 दुकानें की स्वीकृति दी गई। निगम ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के लिए दुकानों को हटाया जा सकता है। निगम ने स्वीकारा कि दुकानदारों ने उदासीन आश्रम की एमओएस की भूमि को किराए पर लेकर दुकान से जोड़ दिया है। वे शेड बनाकर इसका व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं।
दुकानों को तोड़कर बनाना नियम विरुद्ध
निगमायुक्त मनीष सिंह का कहना है कि 56 दुकान को लेकर लोकायुक्त में जांच चल रही है। 1975 में जिन्हें हटाया गया था, उन्हीं विस्थापितों को बैंक से ऋण लेकर दुकानें दी गई थी। इसके पीछे 1.22 मीटर बैकलेन है, जो सार्वजनिक भूमि है। दुकानदारों ने उदासीन आश्रम से जमीन किराए पर लेकर शेड बना लिए हैं। सभी को नोटिस जारी किया था, जिसका जबाव आ गया हैं। मास्टर प्लान-1975 और 2008 में सड़क 30 फीट चौड़ी थी। 56 दुकानें सड़क की परिधि के अंदर ही बनी है। जब सड़क चौड़ीकरण की आवश्यकता होगी तो निगम कार्रवाई करेगा।
जांच में मिलीं गड़बड़ियां...
> दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी, शर्तों का उल्लघंन, कई अवैध निर्माण
> व्यापारियों ने दुकानों के आगे-पीछे गली में कब्जा कर टेबल-कुर्सियां लगार्इं
> छोटी दुकानों को तोड़कर एक किया
> दुकानों का नामांतरण नियम विरुद्ध
> एमओएस पर अवैध निर्माण