19 Apr 2024, 14:46:17 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

विनोद शर्मा इंदौर। सैटेलाइट, गोल्फ ग्रीन, प्रकृति एनक्लेव, अपोलो टॉवर और अपोलो स्क्वेयर बनाने वाले अपोलो समूह ने 2012 में जो 50 करोड़ रुपए की काली कमाई स्वीकारी थी, वह सेटलमेंट कमीशन में सुनवाई के बाद 14 करोड़ रुपए ही रह गई है। अब समूह को इसी रकम पर टैक्स देना है। बाकी रकम भागीदारों का निवेश और प्रोजेक्ट की कॉस्ट बताकर समूह ने पल्ला झाड़ लिया है। इससे समूह को टैक्स के रूप में जो रकम जमा करना है, उसमें बड़ी राहत मिली है।

अपोलो क्रिएशंस प्रा.लि. और दिव्य देव डेवलपर्स प्रा.लि. समूह की दो कंपनियां हैं। 1984 की सुरेंद्र सेल्स एजेंसी 1995 में अपोलो क्रिएशन बनी। 2007 में दिव्य देव के पंजीयन ने समूह को ऊंचाई दी। 21 सितंबर 2012 को इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग ने समूह के 12 सहित 40 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई की। इस दौरान अपोलो के डायरेक्टर के घर से 77 लाख रुपए और 5.08 करोड़ की ज्वेलरी जब्त कर महीनेभर तक पूछताछ की। अंतत: समूह ने 50 करोड़ रुपए की अघोषित आय सरेंडर की।

ऐसे समझें राहत
समूह ने 50 करोड़ सरेंडर किए थे। इस राशि पर 33 प्रतिशत इनकम टैक्स और पेनल्टी के साथ 40 से 45 प्रतिशत तक राशि चुकाना पड़ती जो कि 22.5 करोड़ रुपए होते। अब चूंकि अनअकाउंटेड राशि 14.78 करोड़ रुपए तय की गई है, तो इसका मतलब है कि टैक्स और पेनल्टी सहित छह से सात करोड़ रुपए ही टैक्स चुकाना होगा। राहत का अंतर सीधे 16 करोड़ रुपए का है।

किस प्रोजेक्ट में कौन भागीदार
गोल्फ लिंक कनाड़िया रोड : 66.78 एकड़ के इस आवासीय प्रोजेक्ट में से 38.18 एकड़ अपोलो की, 11.39 एकड़ गढ़ा गु्रप की, रानी एग्रो प्रा.लि. की 2.52 एकड़ और स्टार सिटी कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. की 14.69 एकड़ जमीन है। इसमें समूह की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है, बाकी अन्य कंपनियों के।
गोल्फ ग्रीन : प्रॉफिट में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अपोलो की है, बाकी सुरेंद्रसिंह गढ़ा की है जिन्होंने सर्च के दौरान 10 करोड़ सरेंडर किए थे। प्रोजेक्ट पर अपेक्षानुसार प्लॉट नहीं बिके।
अपोलो डीबी सिटी : 30 एकड़ के इस प्रोजेक्ट में पांच टॉवर बन चुके हैं और चार पर काम जारी है। बनना है 904 फ्लैट, बिके 475 फ्लैट। कीमत 133.63 करोड़ रुपए है, लेकिन इतने मिले नहीं। कई फ्लैट्स पर एक लाख रुपए का बुकिंग अमाउंट ही मिला। कई मामलों में निगोसिएशन के बाद 1-बीएचके पर 18, 2-बीएचके पर 24 और 3-बीएचके पर 30 हजार तक कीमत करना पड़ी।
कंस्ट्रक्शन कॉस्ट : इंदौर विकास प्राधिकरण के मापदंडों के अनुसार डेवलपमेंट चार्ज 200 से 225 रुपए वर्गफीट है। कंपनी ने गोल्फ लिंक में 130 रुपए/वर्गफीट के हिसाब से 1771281 वर्गफीट एरिया डेवलप किया। 70 से 90 रुपए/वर्गफीट की बचत कर 13 से 16 करोड़ रुपए बचाए। 2007-08 और 2008-09 के बीच 45 लाख रुपए की जमीन खरीदी।

ऐसे सही करार दीं समूह की दलीलें

अपनी बात रखने के बाद अपोलो समूह ने 28 नवंबर 2014 को इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन दिल्ली में अपील की। बीबी सिंह डीआईटी (इन्वेस्टिगेशन) और बीपी सिंह एडिशनल डीआईटी (इन्वेस्टिगेशन) की अध्यक्षता में कमीशन ने सुनवाई की। इस दौरान कमीशन ने समूह की दलीलों को सही करार देते हुए माना कि जो 50 करोड़ रुपए सरेंडर हुए थे, उसमें निर्मल अग्रवाल की दिव्य देव और अपोलो क्रिएशन की अघोषित आय 14.78 करोड़ रुपए है, जिस पर ही टैक्स लिया जाना चाहिए।

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