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अभी तो भरो पुरानी फीस, बाकी दो किस्तों में देना

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 21 2016 10:14AM | Updated Date: Jul 21 2016 10:14AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी इंदौर (आईआईटीआई) में नए के साथ पुराने विद्यार्थियों की फीस बढ़ाने के मामले में अड़े मैनेजमेंट को रोल बेक करना पड़ा है। उन्होंने पीएचडी और एमटेक के विद्यार्थियों को राहत देते हुए अभी पुरानी फीस ही भरने की अनुमति दे दी, लेकिन बाकी फीस दो किस्तों में काटने की सुविधा दी है। विद्यार्थी इसे फौरी बताते हुए अब भी पुरानी फीस लेने पर ही अड़े हुए हैं। सबसे पहले दबंग दुनिया ने 18 जुलाई के अंक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद मैनेजमेंट और स्टूडेंट यूनियन ने विचार किया था। बुधवार को एक बार फिर एचओडी ने विद्यार्थियों से समस्याएं जानी हैं।

अगस्त-सितंबर में देना होगी 5775 रुपए की दो किस्त
आईआईटी इंदौर के डिप्टी रजिस्ट्रार फाइनेंस एंड अकाउंट प्रदीप अग्रवाल द्वारा विद्यार्थियों को भेजे गए ई-मेल में बताया गया है कि संस्थान ने निर्णय लिया है कि पीएचडी और एमटेक के विद्यार्थियों को अभी पिछले साल लागू फीस ही भरना होगी। पीएचडी के हॉस्टलर्स को 21950 और नॉन हॉस्टलर्स को 8250 रुपए 26 जुलाई तक भरना होंगे, जबकि बची और बढ़ी हुई फीस दो किस्तों में अगस्त व सितंबर में देना होगी। 5775 रुपए की यह दो किस्तें विद्यार्थी की फैलोशिप, स्कॉलरशिप में से काटी जाएगी। ऐसा ही एमटेक के विद्यार्थियों के साथ किया गया है। उन्हें भी दो किस्तों की सुविधा दी गई है।

तो यहां कैसे लागू कर रहे
आईआईटी के विद्यार्थियों ने इस तात्कालिक फैसले का स्वागत तो किया है, लेकिन इसे मानने से इनकार भी कर दिया है। उनका कहना है कि नई फीस नए विद्यार्थियों पर ही लागू होना चाहिए न कि पुराने विद्यार्थियों पर। उन्होंने मामला मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी पहुंचा दिया है। विद्यार्थियों के अनुसार जब अन्य आईआईटी इसे पुराने विद्यार्थियों पर लागू नहीं कर रहे हैं तो इंदौर कैसे लागू कर रहा है। विद्यार्थियों की फीस में इस साल 150 प्रतिशत तक वृद्धि कर दी गई है। यहां तक कि इंदौर की फीस रूड़की, मंडी, हैदराबाद, मुबंई, मद्रास, दिल्ली जैसे आईआईटी से भी ज्यादा है।

विवाद और बहस
दबंग दुनिया ने 18 जुलाई को यह मामला उठाया था तो आईआईटी मैनेजमेंट और स्टूडेंट की प्रतिनिधि संस्था जिमखाना ने उसी दिन ताबड़तोड़ मीटिंग रखी, लेकिन शाम को प्रभारी डायरेक्टर डॉ. जैन मीटिंग में नहीं पहुंचे। इस पर विद्यार्थी खुद ही उनके पास पहुंच गए जहां विवाद और बहस हुई। तब आईआईटी मैनेजमेंट इसे किसी भी तरीके से सही ठहराने पर लगा हुआ था, लेकिन अब विद्यार्थियों के विरोध को देखते हुए नया फैसला लिया गया। बुधवार को एक बार फिर आईआईटी के सभी डिपार्टमेंट के हेड ने विद्यार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने विद्यार्थियों से अलग-अलग बुलाकर उनकी समस्याएं जानी और उन्हें हल करने का आश्वासन दिया है।

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