अनूप सोनी इंदौर। रेलवे द्वारा शहर की जनता के हिसाब से क्रॉसिंग के गेट खोले जा रहे हैं। क्रॉसिंग पर सबसे पहले गेट उस तरफ से खुलता है, जहां रांग साइड से वाहन आकर खड़े होते हैं। ये वाहन चालक अपनी साइड में पहुंच जाते हैं तो फिर सही साइड से आने वाले वाहन चालकों की ओर का गेट खोला जाता है। इस व्यवस्था से क्रॉसिंग पर जाम लगना लगभग बंद हो गया है।
रेलवे ने यह व्यवस्था इंदौर-महू ब्रॉडगेज पर स्थित रेती मंडी के क्रॉसिंग पर की है। ब्रॉडगेज लाइन पर ट्रेन सात फेरे लगा रही है। दिनभर में 14 बार यहां के गेट खुलते और बंद होते हैं। यहां शाम को काफी भीड़ लगती है। जब यहां मीटरगेज लाइन थी, तब क्रॉसिंग पर सिर्फ दो गेट थे, अब दोनों हिस्से के लिए चार गेट लगाए गए हैं। इन चार गेट का फायदा सबसे ज्यादा ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने में हो रहा है। रेलवे अफसर जानते हैं कि शहर में जो भी रेलवे क्रॉसिंग है, जब वहां गेट बंद होता है तो दोनों ओर वाहन चालक रांग साइड में भी आकर खड़े हो जाते हैं। इसके चलते गेट खुलते ही जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है।
शाम के समय ज्यादा ट्रैफिक
वैसे दिन में दोनों गेट जल्दी खुल जाते हैं, लेकिन शाम को ट्रैफिक बढ़ने के कारण समय ज्यादा लगता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि रांग साइड आए वाहन पहले निकल जाएं और जाम न लगे।
वाहन चालक नहीं होते परेशान
वैसे अधिकांश वाहन चालक नियमों का पालन कर सही दिशा में खड़े रहते हैं, लेकिन कुछ चालक नियमों को ताक में रख हमेशा रांग साइड में घुसकर ट्रैफिक जाम करते हैं। इसके चलते रेलवे ने ये व्यवस्था की है, ताकि वाहन चालक भी परेशान न हो और जाम भी न लगे।
राऊ-महू के लिए महत्वपूर्ण मार्ग
रणजीत हनुमान मंदिर और फूटी कोठी के आसपास जितनी भी कॉलोनियां हैं, उनके रहवासी राऊ-महू आने-जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं।
यहां भी बिगड़ती है ट्रैफिक की स्थिति
शहर से लगे दो और व्यस्त मार्गों पर वाहन चालकों को रेलवे क्रॉसिंग का सामना करना पड़ता है। एक, भागीरथपुरा व दूसरा, खातीपुरा गांव से सांवेर रोड की ओर जाने पर। चूंकि ये दोनों ही औद्योगिक क्षेत्र हैं, इसलिए खासकर यहां सुबह व शाम को ज्यादा ट्रैफिक रहता है। ट्रेनों के गुजरने से पहले जब क्रॉसिंग के गेट बंद होते हैं तो अक्सर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इस बीच जल्दबाजी के चक्कर में कई दोपहिया चालक या तो गेट के साइड से या फिर इनके नीचे से निकलते हैं। ऐसे में ट्रेन के आने पर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है, लेकिन वाहन चालक अपनी जान की परवाह किए गेट बंद होने के बावजूद ट्रैक पार कर जाते हैं।