25 Apr 2024, 09:51:37 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » Exclusive news

ट्रस्टी के मनोनयन पर बजे ‘बर्तन’, कोर्ट जाने की तैयारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 9 2016 10:09AM | Updated Date: Jul 9 2016 10:09AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

राजेंद्र खंडेलवाल इंदौर। करीब दो अरब की संपत्ति वाले श्री इंदौर बर्तन निर्माता एवं विक्रेता शैक्षणिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट में आजीवन ट्रस्टी के मनोनयन को लेकर विवाद हो गया है। नाराज सदस्य कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। मामला ट्रस्टी द्वारा  बाहर होकर बेटे को ट्रस्टी बनाने का है, जिसका सदस्य विरोध कर रहे हैं इसके बावजूद अध्यक्ष ने ट्रस्टी का मनोनयन कर दिया। इससे पूर्व वर्ष 2005 में इस तरह मनोनयन किया गया था, जो सदस्यों के विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था। 

क्या ये अध्यक्ष की निजी जागीर है
गत 29 मई को हुई ट्रस्ट की बैठक में उस समय हंगामा हुआ जब अध्यक्ष गोपालदास मित्तल ने आजीवन ट्रस्टी तोलाराम कुकरेजा की जगह उनके बेटे प्रकाश को आजीवन ट्रस्टी बनाने की घोषणा की। प्रहलाद वर्मा समेत कई सदस्यों ने ये कहकर विरोध जताया कि ट्रस्टी के नियमानुसार चुनाव होना चाहिए न कि मनोनयन। क्या ये अध्यक्ष की निजी जागीर है जो वे इस तरह मनोनयन कर रहे हैं? ट्रस्ट के नियम ये हैं कि हर नए ट्रस्टी का चुनाव अन्य ट्रस्टी मिलकर करेंगे। उनकी रजामंदी पर ही नया ट्रस्ट आ सकता है। जो भी आजीवन ट्रस्टी अब पद पर नहीं रहना चाहते हों वे इस्तीफा दें, लेकिन उनके विरोध को दरकिनार करते हुए मित्तल ने ‘सर्वसम्मति’ से प्रकाश कुकरेजा को आजीवन ट्रस्टी घोषित कर दिया और वह भी तब जब सारे सदस्य बैठक से उठकर चले गए थे।

दो अरब की संपत्ति है ट्रस्ट के पास
ट्रस्ट में करीब 150 सदस्य हैं और दो अरब रुपए की संपत्ति है। ट्रस्ट इंदौर बर्तन निर्माता एवं विक्रेता संघ की संपत्तियों की देखभाल करता है। ट्रस्ट के पास कसेरा बाजार विद्या निकेतन के अलावा धार रोड पर श्रीराम तलावली में 20 बीघा जमीन सहित अन्य छोटी-मोटी संपत्तियां हैं।

एजेंडे में था ही नहीं विषय
बैठक का जो एजेंडा जारी किया गया था, उसमें आजीवन ट्रस्टी को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं था ताकि इस पर सदस्य पहले से तैयारी न कर सकें। इसे अचानक लाया गया और सदस्यों के विरोध की परवाह किए बगैर पास कर दिया गया, जबकि लगभर सारे सदस्य विरोधस्वरूप बहिष्कार कर गए थे। ट्रस्ट में कुल 11 सदस्य होते हैं, जिनमें से 7 का चुनाव होता है।

10 साल बाद हुआ ये कारनामा
ट्रस्ट में 10 साल पहले वर्ष 2005 में भी ऐसा हुआ था, तब आजीवन ट्रस्टी मोहनलाल साधवानी ने स्वास्थ्यगत कारणों से हटकर बेटे कन्हैयालाल को ट्रस्टी बनवा दिया था, तब भी विरोध हुआ था। कन्हैयालाल के आजीवन ट्रस्टी बनने के 20 दिन बाद ही मोहनलाल का निधन हो गया था।

मनोनयन गलत
ट्रस्ट के केवल चुनाव ही हो सकते हैं, मनोनयन नहीं। इस लिहाज से ये मनोनयन अवैध है। मैं कुछ दिनों से पारिवारिक कामों में व्यस्त था। अब मामला एसडीएम की कोर्ट में ले जा रहा हूं।
-प्रहलाद वर्मा, सदस्य

मुझे पूरा अधिकार है
मुझे मनोनयन का पूरा अधिकार है। जरूरी नहीं कि सभी विषय एजेंडे में रखे जाएं। जो हुआ वो साधारण सभा में हुआ और सभी सदस्यों की मर्जी थी। सदस्य चले गए थे तो क्या, बाकी तो थे।
-गोपालदास मित्तल,
अध्यक्ष बर्तन बाजार ट्रस्ट

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »