संतोष शितोले इंदौर। पीपल्यापाला के पास निर्माणाधीन एक होटल एंड क्लब के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। तीन साल पहले उक्त निर्माण के मामले में नगर निगम से आवासीय निर्माण की अनुमति ली गई थी और फिर उस पर कमर्शियल निर्माण कर लिया गया। मामले में नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी जांच के घेरे में हैं।
जानकारी के मुताबिक मे. स्वस्तिक हेल्थ एंड फूड प्रालि के संचालक रणदीपसिंह सलूजा द्वारा पीपल्यापाला के पास भूखंड क्रमांक 1, 2 और 3 पर आवासीय निर्माण के लिए 27 फरवरी 2013 को एक नक्शा स्वीकृत कराया गया। इसके पूर्व 4 मई 2012 को मामले में इस आशय का शपथ-पत्र भी दिया गया कि उक्त भवन निवास हेतु बनाया जा रहा है। खास बात यह कि टीएंडसीपी द्वारा उक्त क्षेत्र (जय नगर) को आवासीय घोषित किया गया है। इसके बावजूद उक्त तीनों भूखंडों को संयुक्त कर वहां कमर्शियल उपयोग के लिए बिल्डिंग (होटल) का निर्माण कर दिया गया, जिसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मामले में नगर निगम से कमर्शियल उपयोग की अनुमति नहीं ली गई है। जानकारी के मुताबिक उक्त होटल एंड क्लब का नाम सोलारिज नाम से है, जिसके ब्रोशर्स भी तैयार कर लिए गए।
दिया था नोटिस
मामले में निगम की ओर से 2 मार्च 2015 को भूखंड स्वामी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। इसमें भूखंडों के संयुक्तिकरण, एमओएस का उल्लंघन आदि का जिक्र किया गया था। निगम ने अपनी स्थल रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था उक्त भवन का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इसका क्या उपयोग होगा इसका वर्तमान में आकलन नहीं किया जा सकता। ऐसा बताकर भूस्वामी की स्वीकृति के अनुसार ही उपयोग करने के निर्देश दिए गए थे। हकीकत यह थी कि निगम अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा मामले की लीपापोती की गई।
मय प्रमाण की थी शिकायत
मामले में एक आरटीआई कार्यकर्ता ने इस संबंध में लोकायुक्त (भोपाल) को मय प्रमाण शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि भूस्वामी ने विक्रय पत्र कंपनी के नाम कराया है। नगर निगम से नक्शा भी कंपनी के नाम से स्वीकृत कराया है, जबकि भवन आवासीय बनाया जा रहा है। मामले में प्राथमिकी जांच पंजीबद्ध कर लोकायुक्त पुलिस, इंदौर को सौंपी गई है।