गौरीशंकर दुबे इंदौर। पिछले महीने जब होलकर क्रिकेट स्टेडियम में लाल मिट्टी (रेड स्वाइल) से दो नई पिच बनाई तो खबर फैल गई कि 8 से 12 अक्टूबर तक यहां होने वाले भारत और न्यूजीलैंड मैच को इसी पिच पर कराया जाएगा। यह खबर तब भ्रामक साबित हुई जब होलकर स्टेडियम के पिच क्यूरेटर समंदरसिंह चौहान ने दैनिक दबंग दुनिया से कहा-हम लाल माटी के नए पिच पर मैच कराने का जोखिम नहीं ले सकते। मैं फिर स्पष्ट करता हूं कि मैच काली मिट्टी के पिच पर ही खेला जाएगा।
मप्र टीम के लिए बनाई है पिच
समंदरसिंह ने कहा कि हमारी रणजी टीम ने पिछले साल मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में बंगाल के खिलाफ मुकाबला खेला था। अब रणजी ट्रॉफी मैच न्यूट्रल वेन्यू पर होते हैं और देश में पश्चिम ऐसा क्रिकेट क्षेत्र है, जहां लाल मिट्टी से पिच बनाई जाती है। वानखेड़े, डीवाय पाटिल (मुंबई), मोटेरा (अहमदाबाद), राजकोट, बड़ौदा, पुणे, नागपुर आदि क्रिकेट सेंटरों पर हमारे जूनियर और सीनियर खिलाड़ी लालमाटी के पिच पर ही खेलते हैं। भविष्य में वहां कोई मैच खेले जाने से पहले हमारे खिलाड़ी होलकर स्टेडियम में लालमाटी के पिच पर अभ्यास कर सकें, इसलिए हमने कुल 11 में से दो पिच लाल मिट्टी के बनाए हैं। यह प्रक्रिया रातोंरात तय नहीं हुई, बल्कि एमपीसीए चार साल से कोशिश कर रहा है। कुछ तकनिकी दिक्कतों के कारण नवसारी और मुंबई से लाल मिट्टी नहीं लाई जा पा रही थी।
मुझे बरसों से इसका इंतजार था
जब होलकर स्टेडियम महारानी उषादेवी राजे क्रिकेट सेंटर था, तभी से समंदर पिच क्यूरेटर हैं। चंदू सरवटे के बाद उन्होंने मैदान तैयार करने के लिए श्रम, सोच, समझ की हद पार कर दी थी। घनघोर बारिश में वे ऊबड़-खाबड़ मैदान पर खुद का ट्रैक्टर चलाते थे। इस किसान पुत्र ने कहा-मैंने बरसों पहले इंदौर में टेस्ट का सपना देखा था। साईबाबा ने मेरी सुनी, वह दिन पास आ रहा है। मैं बहुत उत्साहित हूं। चुनौतियां हैं, जिन्हें हमारी टीम पार पा रही है। मैच में कैसी पिच देंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नि:संदेह स्पोर्टिंग, ताकि दर्शक हर सत्र का आनंद ले सकें।
बोर्ड चाहता है घुमावदार पिच: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से जुड़े सूत्रों के हवाले से पिछले साल दबंग दुनिया को जानकारी दी गई थी कि 2016-17 में भारत में जितने भी टेस्ट मैच होंगे, वे घुमावदार गेंदबाजी के अनुकूल बनाए जाएंगे। इस नीति के पीछे बोर्ड का विचार है कि जब हमारी टीम द. अफ्रीका, इंग्लैंड, आॅस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज खेलने जाती है, तो वहां रेड कॉरपेट यानी स्पिन पिच नहीं बिछाए जाते। स्पिन हमारी स्ट्रेंथ है, तो हम भी भ्रमणकारी टीमों को स्पिन पिच देंगे।