मुनीष शर्मा इंदौर। फर्जीवाड़ा करने के लिए मशहूर सायाजी होटल की लीज निरस्त करने की तैयारी इंदौर विकास प्राधिकरण कर रहा है। संभव है 10 जुलाई को होने वाली बोर्ड बैठक में फैसला हो जाए। हालांकि सायाजी प्रबंधन इस फैसले को रोकने के लिए लगातार कुछ बोर्ड सदस्यों के संपर्क में है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों लीज निरस्ती को लेकर दिए नोटिस का होटल ने बेतुका जवाब दिया था। प्राधिकरण ने कुछ दिनों पहले सायाजी को नोटिस दिया था, जिसमें प्लॉट का विभाजन कर लीज उल्लंघन करने की बात थी। इस जमीन पर कुछ दुकानें बनाकर बेच दी गई हैं।
होटल की सीनाजोरी: इसके जवाब में सायाजी ने कहा होटल के अंदर जो छोटी दुकानें होती हैं, वे अनुमति योग्य रहती हैं। इसी आधार पर हमने दुकानें निकाली थी।
जवाब ने और उलझाया: सयाजी के लीज निरस्ती मामले के जवाब ने उसे और उलझा दिया है। पहले तो उसने प्लॉट के टुकड़े करके लीज का उल्लंघन किया। इसके बाद दुकानें निकालकर बेचना दूसरी बड़ी गलती थी, क्योंकि वह अपने जवाब में दुकानें निकाले जाने को अनुमति योग्य बता रहा है। दुकानें यदि उसके पास होती, तब भी बात बनती लेकिन इनका मालिक अब कोई और है।
होटल का साथ देने में लगे कुछ बोर्ड मैंबर्स
यह देखने में आ रहा है कि सायाजी होटल प्रबंधन लगातार प्राधिकरण के कुछ पदाधिकारियों व अधिकारियों से कार्यालय के बाहर चर्चा में लगा हुआ है। वह इन लोगों को नीत-नए प्रलोभन दे रहा है ताकि उसकी लीज निरस्ती का मामला न हो। इस मामले में एक मीडियाकर्मी भी पूरी शिद्दत से सायाजी होटल वालों का साथ दे रहा है। यह मीडियाकर्मी अधिकांशत: सायाजी में देखा जाता है। वह अपने कुछ साथी पत्रकारों की मदद से प्राधिकरण के उन पदाधिकारियों व अधिकारियों पर दबाव बनवा रहा है जो लीज निरस्ती के पक्ष में हैं।
आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो सकता
सायाजी होटल ने प्राधिकरण के साथ धोखाधड़ी की है, ऐसे में कुछ बोर्ड सदस्य चाहते हैं कि धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया जाए। इससे पहले प्राधिकरण मयूर हास्पिटल की लीज निरस्त कर चुका है। हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में है। हॉस्पिटल ने स्कीम 94 के रहवासी क्षेत्र में चार प्लॉट जोड़कर अस्पताल खड़ा कर लिया, जिसकी शिकायत के बाद प्राधिकरण ने जांच कर अस्पताल संचालक को दोषी पाया था।
पहले लीज निरस्त कर चुका है आईडीए
कुछ माह पहले प्राधिकरण सायाजी होटल की लीज निरस्त कर चुका है। होटल संचालक इस मामले में हाईकोर्ट चला गया था। न्यायालय ने प्राधिकरण को होटल संचालक का पक्ष सुनने के आदेश दिए थे। इसके बाद प्राधिकरण ने होटल संचालक को बुलाया लेकिन उसने मेडिकल दे दिया था। हाल ही में उसका जवाब पहुंचा जिसमें दुकाने निकाले जाने को उसने अनुमति योग्य बताया है।