28 Mar 2024, 20:13:08 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » Exclusive news

पोर्टल से सैकड़ों स्कूल गायब, प्रक्रिया संकट में

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 23 2016 10:03AM | Updated Date: Jun 23 2016 10:03AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

आदित्य शुक्ला इंदौर। आरटीई के अंतर्गत गरीब परिवारों के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के लिए निजी स्कूलों में एडमिशन दिलाने की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो रही है। इसके चलते आॅनलाइन या आॅफलाइन आवेदन जमा किए जा सकेंगे। जिले के स्कूलों में आरटीई के तहत कितनी सीटे रिक्त हैं, अफसर अब तक तय नहीं कर सके हैं।

शिक्षा गारंटी अधिनियम 2010 लागू होने के बाद प्रत्येक निजी स्कूल को आरटीई के मापदंड मानना अनिवार्य है। शासन अनुसूचित जाति, जनजाति व गरीब परिवारों के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के लिए निजी स्कूलों में एडमिशन दिलाता है और उनकी फीस की भरपाई भी करता है। इससे गरीब परिवार के बच्चों को भी बड़े और महंगे स्कूलों में पढ़ने का अवसर मिलने लगा है। नए शैक्षणिक सत्र के लिए अब प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई है, जिसके चलते 23 से 30 जून तक आवेदन जमा होंगे और 8 जुलाई को लॉटरी खोली जाएगी। जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर ने बताया कि शहरी क्षेत्र के करीब 175 पोर्टल पर नहीं दिख रहे है, जिससे जिले के स्कूलों में आरटीई की कितनी सीटे रिक्त हैं। इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।

मचेगा हंगामा

आरटीई एडमिशन को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अनुराग जायसवाल नोडल अधिकारी है, लेकिन पूरा काम जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर के नेतृत्व में हो रहा है। इस वर्ष आॅनलाइन प्रकिया शुरू होने से सैकड़ों स्कूलों के नाम पोर्टल से गायब हो गए हैं। जब आवेदक एडमिशन के लिए आवेदन करेगा और आॅनलाइन स्कूल का नाम शो नहीं होगा तो हंगामा मचने के आसार हैं। ऐसे में एडमिशन को लेकर अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

मान्यता नहीं तो एडमिशन नहीं - पहली से आठवीं तक के करीब 600 स्कूलों की मान्यता अटकी हुई है। सभी स्कूलों को जल्द मान्यता देने के लिए डीपीसी ने दो बीआरसी मनोहर धीमान व राजेंद्र तंवर को जिम्मा सौंप दिया है। इसके बाद भी सभी स्कूलों को मान्यता देने में अभी समय लगेगा। जब तक स्कूलों को मान्यता नहीं मिल जाती तब तक उन स्कूलों में आरटीई के तहत एडमिशन नहीं हो सकेंगे।

सिर्फ फीस देता है शासन
शासन द्वारा आरटीई के अंतर्गत निजी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले बच्चों को स्कूल प्रबंधन वह सभी सुविधाएं देगा, जो अन्य बच्चों को दी जा रही है। प्रवेशित बच्चों का शुल्क शासन देगा। इसके अतिरिक्त आरटीई के तहत प्रवेशित बच्चों से किसी तरह का शुल्क वसूलने का प्रावधान नहीं है। पेरेंट्स क ो स्कूल के हिसाब से यूनिफॉर्म, पुस्तकें खुद ही खरीदना पड़ती है, जबकि मेंस या बस सेवा लेने पर उसका शुल्क देना होता है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »