सुधीर शिंदे इंदौर। यदि आपके वाहन पर टैक्स बकाया है और वह कंडम हो गया है, फिर भी आप टैक्स भरने से बच नहीं सकेंगे। परिवहन आयुक्त डॉ. शैलेंद्र श्रीवास्तव ने ऐसे वाहनों से टैक्स वसूली पर सख्ती दिखाने की योजना बनाई है। वाहन जिस फर्म या व्यक्ति के नाम से होगा, टैक्स भी उसी से वसूला जाएगा। इसके लिए चालू वर्ष को ओल्ड एरियर्स एंड आॅडिट रेवेन्यू रिकवरी ईयर घोषित किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स का टारगेट पूरा करने में बुरी तरह पिछड़ने के बाद विभाग ने ये योजना बनाई है। इसके तहत वाहनों से बकाया टैक्स वसूलने के लिए चरणबद्ध अभियान चलाया जाएगा।
टैक्स वसूली को लेकर विभाग की सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जो वाहन कंडम हो गए, लेकिन टैक्स की राशि कीमत से कई गुना ज्यादा है तो उसकी वसूली फर्म से की जाएगी। अब तक ऐसी स्थिति में कार्रवाई का नियम नहीं था। इसके चलते लाखों रुपए टैक्स बकाया होने पर मालिक वाहन को कंडम कर देते थे।
ऐसे होगी जांच
जिला स्तर पर कम्प्यूटर सिस्टम पर बकाया कर वाले वाहनों को चिह्नित किया जाएगा। इसमें 1 जनवरी 2010 से पहले और उसके बाद रजिस्टर्ड वाहनों की दो सूची बनाई जाएंगी। इसके बाद बकाया वाहनों का कम्प्यूटर पर रजिस्ट्रेशन और टैक्स सूची से मिलान होगा। इसमें वाहनों की एनओसी जारी होने की अपडेट लिस्ट में से टैक्स और आॅडिट की बकाया सूची तैयार की जाएगी। इस काम के लिए जून माह दिया गया है।
जिला स्तर पर शुरू होगा अभियान
बकायादारों को ढूंढ़ने और टैक्स का पता करने के लिए जिलास्तर पर आॅडिट के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसमें विभाग की अलग-अलग शाखाओं के करीब एक दर्जन अधिकारी-कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा।
शहर में वसूलना है 12 करोड़
इंदौर परिवहन विभाग में करीब 800 वाहन फर्जी पते या फर्जी नाम से रजिस्टर्ड हैं। इन पर करीब 12 करोड़ रुपए टैक्स बकाया है। इन्हें बाबू, एजेंट और एवजियों की सांठगांठ से रजिस्टर्ड कर दिया गया। 150 से ज्यादा वाहन दो अलग -अलग पते पर रजिस्टर्ड हैं।
चार श्रेणी के होंगे वाहन
इसमें 2000 से पहले रजिस्टर्ड वाहन, 2000 से 2005, 2006 से 2010 और 2011 से 2014 तक के रजिस्ट्रर्ड वाहन शामिल होंगे। योजना के मुताबिक लिस्ट में टैक्स और आॅडिट में बकाया वाहन को ढूंढ़ा जा सकेगा अथवा नहीं? इसका भी उल्लेख किया जाएगा। ये काम सितंबर और अक्टूबर माह में पूरा करना होगा।