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यूनिवर्सिटी के एमबीए कोर्सेस में प्रदेश के क्रीम स्टूडेंट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 17 2016 10:16AM | Updated Date: Jun 17 2016 10:16AM
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रफी मोहम्मद शेख इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) कोर्सेस में इस बार शहर और प्रदेश के क्रीम स्टूडेंट रहेंगे। वास्तव में अन्य एमबीए कॉलेजों में एडमिशन के लिए कॉमन मैनेजमेंट एंट्रेस टेस्ट (सीमेट) के आधार पर एडमिशन होता है। यह परीक्षा 15 जनवरी में ही हो गई लेकिन इसमें एडमिशन प्रक्रिया 26 जून के बाद शुरू होगी। तब तक यूनिवर्सिटी के एमबीए कोर्सेस में एडमिशन हो चुका होगा। आईएमएस और आईआईपीएस को प्रदेश के टॉप एमबीए संस्थानों में गिना जाता है। अच्छे विद्यार्थी एडमिशन के मामले में किसी प्रकार की कोई रिस्क नहीं लेंगे। वैसे ही सीमेट नहीं दे पाने वाले विद्यार्थी के लिए सीईटी के माध्यम से एडमिशन ही विकल्प बचा था। सीमेट की परीक्षा के बाद कॉलेजों में एडमिशन की जिम्मेदारी डायरोक्टोरेट आॅफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) के पास है।

चल रही प्रक्रिया
जनवरी में रिजल्ट के बाद प्रदेश के एमबीए कॉलेजों में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ हुई लेकिन अभी भी यह प्रक्रिया चल ही रही है। एमबीए कॉलेजों में प्रदेश में मई के आरंभ में एडमिशन शुरू होते हैं। इस बार डीटीई ने एडमिशन की प्रक्रिया केवल रजिस्ट्रेशन में ही उलझा रखी है। अब स्थिति यह है कि 26 जून के बाद इन कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यूनिवर्सिटी आईएमएस और आईआईपीएस में भी कोर एमबीए है, जिसमें डीटीई के माध्यम से ही एडमिशन होंगे।

एडमिशन 22 से
इधर देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने 2 जून को सीईटी की परीक्षा ली थी और 10 जून को इसके रिजल्ट घोषित कर दिए। इसके बाद रजिस्ट्रेशन भी करवा लिए गए हैं। अब रजिस्ट्रेशन के आधार पर 22 जून से काउंसलिंग भी शुरू कर दी जाएगी। इससे विद्यार्थी यहां पर एडमिशन ले लेंगे। इस काउंसलिंग में सीईटी में टॉप पर रहे विद्यार्थियों को बुलाया गया है। यानी यह सारे प्रदेश के क्रीम विद्यार्थी हैं, जो एमबीए करना चाहते हैं। यह विद्यार्थी आरंभ में अपनी मनपसंद ब्रांच मिलने पर एडमिशन भी ले लेंगे। इससे यूनिवर्सिटी को क्रीम विद्यार्थी मिल जाएंगे। वैसे भी यूनिवर्सिटी के आईएमएस, आईआईपीएस और स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स के एमबीए शहर व प्रदेश में खासे लोकप्रिय है और विद्यार्थी यहां पर एडमिशन लेना चाहते हैं।

और भी स्थिति खराब हो जाएगी
यूनिवर्सिटी में एडमिशन के बाद विद्यार्थी प्रदेश के अन्य एमबीए कॉलेजों में एडमिशन के लिए जाएंगे, लेकिन यह वे विद्यार्थी होंगे जो टॉपर नहीं हैं। वैसे भी सीमेट परीक्षा नहीं दे पाने वाले विद्यार्थी भी सीईटी के माध्यम से यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए पात्र हो चुके हैं। प्रदेश में एमबीए कॉलेजों की स्थिति पहले से ही खराब है और अब डीईटी के कारण उसकी स्थिति और भी ज्यादा खराब होने की संभावना है। इन कॉलेजों में आधे से ज्यादा सीटें पहले से ही खाली रहती हैं। खासकर इंदौर के 55 एमबीए कॉलेजों में तो यूनिवर्सिटी में पहले एडमिशन का प्रभाव पड़ेगा ही।

यूनिवर्सिटी में 17 एमबीए कोर्स
यूनिवर्सिटी के विभिन्न डिपार्टमेंट में कई एमबीए कोर्स चलाए जाते हैं। इसमें आईएमएस में फाइनेंशियल एडमिनिस्ट्रेशन, मार्केटिंग मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स, डिजास्टर मैनेजमेंट, एचआर, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, ई-कॉमर्स (पांच साल) व हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (पांच साल) के एमबीए कोर्स हैं। वहीं आईआईपीएस में टूरिज्म, एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशन व मैनेजमेंट साइंस (पांच साल) का एमबीए कोर्स हैं। स्कूल आॅफ इकोनॉमिक्स में बिजनेस इकोनॉमिक्स, इंटरनेशनल बिजनेस व फाइनेंशियल सर्विसेज और स्कूल आॅफ कॉमर्स में फॉरेन ट्रेड में एमबीए कोर्स हैं।

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