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राजकुमार मिल के मामले में सामने आए नए दावेदार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 16 2016 11:09AM | Updated Date: Jun 16 2016 11:11AM
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रफी मोहम्मद शेख/राजेंद्र खंडेलवाल इंदौर। राजकुमार मिल की जमीन पर श्रमिकों के अलावा बैंकों ने बकाया का दावा किया तो अब प्रॉविडेंट फंड डिपार्टमेंट ने भी दावा ठोंक दिया है। उसके अनुसार करीब छह करोड़ उसके भी बकाया हैं। यह राशि श्रमिकों और स्टाफ के प्रॉविडेंट फंड की मूल रकम, जुर्माना और ब्याज की राशि है। नियमानुसार लिक्विडेटर हाई कोर्ट तय करेगा कि कितनी राशि उन्हें दावे के अनुसार दी जाए। जानकारी अनुसार राजकुमार मिल्स लिमिटेड के प्रॉविडेंट फंड में दो खाते हैं। एक एमपी/4 के नाम से 748 श्रमिकों का है तो दूसरा एमपी/4 (एस) के रूप में यहां काम करने वाले स्टाफ का। इन दोनों खातों में अप्रैल 1977 से अब तक अलग-अलग नहीं मिली मूल पीएफ राशि, डेमेजेस (जुर्माना) और ब्याज की राशि शामिल है।

पीएफ डिपार्टमेंट ने हाई कोर्ट में वाद लगाकर लिक्वेडेशन के पूर्व इस राशि को उन्हें देने की मांग की है, ताकि वह श्रमिकों और स्टाफ को इस राशि का भुगतान कर सके। पीएफ के असिस्टेंट प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर व रिकवरी आॅफिसर गोविंद शर्मा ने डिपार्टमेंट की तरफ से दावा किया है। दावा पत्र में उन्होंने दिनांकवार वसूली जाने वाली बकाया मूल राशि का उल्लेख कर जुर्माना व ब्याज की गणना भी प्रस्तुत की है। जानकारी अनुसार कोर्ट जुर्माने की राशि शायद ही दे, क्योंकि यह डिपार्टमेंट के पास जाती है, लेकिन मूल राशि और ब्याज देने के आदेश कर सकती है, क्योंकि पीएफ की राशि प्राथमिकता में रहती है। इससे करीब 4.71 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि देने की संभावना बनती है।

मूल से ज्यादा ब्याज-जुर्माना

पीएफ की मूल राशि 13406783 रुपए है, जबकि जुर्माने की 22781000 और ब्याज की 22822047 रुपए। श्रमिकों के खाते में 1 जनवरी 1983 से अप्रैल 1986 तक 8086582 रुपए पीएफ बकाया है तो इस अवधि में जुर्माना राशि 8086582 रुपए है। वहीं अप्रैल 1977 से दिसंबर 2012 तक जुर्माना राशि 9374217 रुपए है। 1997 से दो फरवरी 2014 तक 16173164 रुपए ब्याज की राशि बकाया बताई गई है। यानी 41720545 रुपए कुल राशि बनती है।

स्टाफ खाते के भी
स्टाफ के खाते में मई 1983 से अप्रैल 1986 तक 592408 और अप्रैल 2004 तक 4727793 रु. पीएफ की मूल राशि है तो इतनी ही जुर्माने की। जुलाई 1997 से फरवरी 2014 तक 1184816 और अप्रैल 2004 से फरवरी 2014 तक 5465067 रु. ब्याज के रूप में रखे गए हैं। इसमें भी मूल राशि 5320201 रु. है, जबकि जुर्माने की 5320201 और ब्याज की 6649883 रु.।

ब्याज सहित देंगे राशि
पीएफ डिपार्टमेंट ने राजकुमार मिल के मामले में पूरी राशि का विश्लेषण कर हाई कोर्ट के समक्ष मांग रखी है। रुपए मिलने की स्थिति में श्रमिकों और स्टाफ की वह बकाया राशि ब्याज सहित दी जा सकेगी, जो अब तक अटकी हुई है।
-अजय मेहरा, रीजनल कमिश्नर, मप्र

श्रमिकों को पैसा मिले

पीएफ डिपार्टमेंट ने आवेदन में मिल की जमीन बिकने की स्थिति में पहले उन्हें पैसा देने का आग्रह किया है। हम भी चाहते हैं कि सबसे पहले श्रमिकों को रुपए मिले।
-हरनामसिंह धारीवाल, प्रधानमंत्री, इंटक

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