कृष्णपाल सिंह इंदौर। शहर में लाल-पीली-नीली बत्ती लगाकर शान दिखाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर तरफ बत्ती लगे वाहन दिखाई दे रहे हैं, जिसे देख यातायात पुलिस भी सकते में है जबकि आरटीओ बेखबर है। खास बात यह कि नियमों का उल्लंघन करने वालों में महापौर मालिनी गौड़ और आईडीए अध्यक्ष शंकर ललवानी भी पीछे नहीं है। गौड़ को पीली बत्ती की पात्रता है, लेकिन उनकी कार पर लाल बत्ती लगी है। ऐसे ही आईडीए अध्यक्ष ने पीली बत्ती लगाई है, जबकि उन्हें पात्रता ही नहीं है। दरअसल गजट नोटिफिकेशन में अध्यक्ष को लेकर कोई बत्ती का उल्लेख नहीं किया गया है। इसके बावजूद वे पीली बत्ती वाली कार में घूमते हैं और रात होते ही उसे चालू भी कर देते हैं। ऐसे ही शहर में अवैध रूप से कई वाहनों पर बत्तियां और हूटर लगे हैं। इनमें अधिकांश वाहन नेताओं के है। नगर निगम के कई पार्षदों के वाहनों पर भी हूटर लगे हैं। इनके अलावा भी शहर में ऐसे कई शख्स हैं जो बगैर पात्रता के बत्ती लगाकर घूम रहे हैं।
नहीं हो रही सख्त कार्रवाई
शहर में लाल-पीली बत्तियों के खिलाफ सतत अभियान नहीं चला। कुछ समय पहले ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ ने कार्रवाई की थी, लेकिन हल नहीं निकला। इसमें कई अफसरों और नेताओं के निजी वाहनों पर बत्ती लगी थी। तब उन्होंने माफी भी मांगी थी। वर्तमान में पुलिस ने शास्त्री मार्केट और खातीवाला टैंक की कार एसेसरीज की दुकानों को चेतावनी दी कि अपात्रों को बत्ती न बेचें। दस्तावेज के आधार पर ही बत्ती देने का नियम अनिवार्य किया गया, लेकिन इसका भी मखौल भी उड़ रहा है।
वाहनों पर लगे हूटरों पर उठ रहे सवाल
प्रदेश में इन्हें लाल बत्ती की पात्रता
राज्यपाल, मुख्यमंत्री, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, महाधिवक्ता, अपर महाधिवक्ता, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, मंत्री, राज्य मंत्री, हाई कोर्ट के न्यायाधीश, नेता प्रतिपक्ष, लोकायुक्त, उप लोकायुक्त, राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक। इसमें भी एक शर्त है कि जब इनका वाहन प्रदेश में कहीं भी ड्यूटी पर हो, तभी इन्हें लाल बत्ती लगाने की पात्रता होगी।
इन्हें पीली बत्ती की पात्रता
मंत्री, राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त गणमान्य, मुख्य सचिव के समकक्ष अधिकारी, मप्र शासन के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक के समकक्ष अधिकारी, महापौर, संभागीय आयुक्त अपने संभागों में, क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक अपनी रेंज में, कलेक्टर, अपर कलेक्टर अपने जिले में, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, अपर जिला न्यायाधीश, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, समस्त न्यायिक अधिकारी अपने जिले में, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपने जिले में, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एसडीएम, एसडीओपी, सीएसपी अपने-अपने अनुभाग में, कार्यपालिक दंडाधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में और राज्य शिष्टाचार अधिकारी।
सीधी बात
इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष शंकर लालवानी से
आपने वाहन पर बत्ती लगाई है। किस आधार पर और क्यों?
- मुझे पात्रता है।
गजट नोटिफिकेशन में तो अध्यक्ष को कोई पात्रता नहीं है। कैसे लगा दी?
- मुझे राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है।
अध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है क्या?
- नहीं।
तो फिर क्या है, आप बताएंगे?
- आप मुझे गजट नोटिफिकेशन की कॉपी भेज दीजिए, मैं देखता हूं।
सख्त कार्रवाई करें
मैंने इस मामले में पूरे प्रदेश में सख्त निर्देश दिए हैं। सभी आरटीओ को निर्देशित किया है कि वे इसका उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
- भूपेंद्रसिंह, परिवहन मंत्री