कृष्णपाल सिंह इंदौर। हर महीने 15 करोड़ रुपए बिजली खर्च, नर्मदा से 400 एमएलडी पानी की रोज खिंचाई, 5 हजार के करीब बोरिंग और ...तालाबों, हाइड्रेंट की हलक से पानी की खिंचाई अलग। और...हालात क्या? मकान मालिक को 10 बर्तन पानी और किराएदार को पांच बर्तन पानी की राशनिंग।
पानी का ये तौल-मोल वार्ड 37 में कई दिनों से चल रहा है। इसमें कोई गणित नहीं, बल्कि मजबूरी है। मजबूरी यह कि पूरा क्षेत्र लगभग सूखे की गति को प्राप्त हो गया है। बस्तियां अधिक हैं, ज्यादातर बोरिंग सूख चुके हैं और नर्मदा भी क्षेत्र से नाराज है, मतलब पहुंचती नहीं है। मजबूरी में पानी को जरूरत के बजाए बर्तनों की गिनती और लीटर के हिसाब से बांटना पड़ रहा है। इसी में यह पैमाना तय हुआ है कि किसी घर में यदि किराएदार है तो उसे पांच बर्तन भरकर पानी दिया जाएगा और मकान मालिक को दस। मकान मालिक को ज्यादा पानी देने के पीछे मंशा यह है कि वो अपने दस बर्तन में से भी किराएदार को भी एक-दो बर्तन पानी दे।
क्षेत्र में पानी की तंगी का राजस्थानी आलम इस कदर हावी है कि सुबह होते ही लोग बोरिंग की बटन इस उम्मीद से दबाते हैं कि रातभर में कुछ स्टोरेज हो गया हो तो बाल्टी-दो बाल्टी ही उगल दे। बोरिंग की बेवफाई से निराश जनता फिर टैंकर के लिए टकटकी लगाने लगती है। यहां के लोगों की सारी उम्मीदें इन्हीं टैंकर और ट्रैक्टर पर टिकी हैं। खास बात यह कि सूखे के इस दौर में लोग भी पांच और दस बर्तन की इस व्यवस्था को सलाम कर रहे हैं।
वार्ड में लगाते हैं 40 से ज्यादा ट्रिप
एक ट्रैक्टर में पांच से छह हजार लीटर पानी आता है। इसके तहत पांच निगम के ट्रैक्टर और दो विधायक निधि के टैंकरों ( 10 हजार लीटर) की मदद से पानी वार्ड की बस्तियों में बांटा जाता है। सुबह से रात तक 40 से ज्यादा ट्रिप लगती है। इस मान से एक गाड़ी से छह से आठ ट्रिप लगती है, ताकि हर गली में पानी पहुंचे।
हाइड्रेंट पर ‘भारी’ राजनीति
पानी के टैंकर स्कीम 54 ( बॉम्बे हॉस्पिटल के पीछे) स्थित हाइड्रेंट पर भराते हैं। यहां राजनीति रसूख के चलते कुछ टैंकर चालक नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाकर टैंकर भरते थे। यही कारण है कि टैंकर-ट्रैक्टर को भरने में वक्त लगता था। इसकी शिकायत निगम कमिश्नर मनीषसिंह के पास पहुचीं तो उन्होंने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।
टीम करती है राशनिंग की निगरानी
जिन क्षेत्रों में पांच और दस बर्तन की व्यवस्था चल रही है, उनमें चित्रा नगर, न्यू चित्रा नगर, तपेश्वरी बाग, हरसिद्धि नगर, न्यू हरसिद्धि, वैभव लक्ष्मीनगर, राम कृष्णबाग, मुमताज बाग, आनंदी, संजीवनी बाग, स्वर्ण बाग, गणेश नगर, श्रीकृष्णा विहार, गुरुनानक नगर सहित अन्य बस्तियां हैं। इसमें 40 टैंकर रोज पानी सप्लाय करते हंै। इसके लिए बाकायदा टीम बनाई गई है। इनका काम है इस बात की सख्त निगरानी रखना कि पांच-दस बर्तन की जगह कहीं भी अधिक पानी न चला जाए।
तालमेल से ही संभव हो पाई व्यवस्था
हर गली में चार-चार सदस्यों को जवाबदारी दे रखी है कि पांच से दस बर्तन पानी दें। अगर कोई बड़ा बर्तन भी लाता है तो 15 से 25 लीटर भरते हैं। इससे सभी को पानी मिलता है। न किसी की टंकी भरते हैं न ड्रम। वार्ड में छह टंकी से पानी सप्लाय है, लेकिन पानी नहीं पहुंचता है। जो टंकिया हैं, उनमें कहीं प्रे्रशर कम है तो कहीं लाइन टूटी हुई है। मजबूरी में टैंकर बुलाकर इस तरह किफायती तरीके से पानी देना पड़ रहा है।
- संजय कटारिया, क्षेत्रीय पार्षद
कैमरे लगाकर करेंगे मॉनिटरिंग
स्कीम 54 स्थित हाइड्रेंट पर व्यवस्था कर दी गई है, ताकि राजनीति न हो। यहां पहले आओ और पहले पाओ व्यवस्था है। इसके अलावा निगम के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। अगर किसी ने अब दादागीरी की या फिर गड़बड़ी की तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। हाइड्रेंट पर कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि टैंकरों की रिकॉर्डिंग होती रहे।
- देवेंद्रसिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम