पंकज भारती इंदौर। एक तरफ प्रदेश सरकार अक्टूबर में होने वाले वैश्विक निवेश सम्मेलन में अधिक से अधिक निवेश प्राप्त करने के लिए उद्योगपतियों को विभिन्न प्रकार की छूट देने की घोषणा कर रही है। वहीं दूसरी और शासन ने पहले से स्थापित उद्योगों पर शुल्क का बोझ बढ़ा दिया है। उद्योग विभाग ने पीथमपुर सहित अन्य औद्योगिक क्षेत्र में लगने वाले संधारण शुल्क को 33.3 फीसदी बढ़ा दिया है। औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) के तहत आने वाले सभी औद्योगिक क्षेत्र में छोटे उद्योगों के लिए संधारण शुल्क 4.50 रुपए से बढ़ाकर छह रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। इसी प्रकार बड़े उद्योगों को अब छह रुपए के बजाय आठ रुपए प्रति मीटर के हिसाब से संधारण शुल्क अदा करना होगा।
छोटे उद्योगों पर बढ़ा बोझ
औद्योगिक क्षेत्र में 10 हजार वर्ग मीटर जमीन पर संचालित छोटे उद्योगों को अब तक संधारण शुल्क के तौर पर 45 हजार रुपए का भुगतान करना होता था। वहीं अब इन्हें 60 हजार रुपए का शुल्क देना होगा। इसी प्रकार 50 हजार वर्ग मीटर भूमि पर संचालित बड़े उद्योगों को अब तीन लाख रुपए के स्थान पर संधारण शुल्क के रूप में चार लाख रुपए का भुगतान करना होगा।
नियमों की अवहेलना
भू-आवंटन नियम 2015 की धारा-9 के अनुसार जब किसी क्षेत्र की नई संधारण दर तय की जाती है तो उस औद्योगिक क्षेत्र की वार्षिक अनुमानित लागत को उस औद्योगिक क्षेत्र के कुल क्षेत्रफल से भाग देना होता है, जो राशि आती है, उसके आधार पर संधारण शुल्क तय किया जाता है। उद्योगपतियों का आरोप है कि एकेवीएन ने इस नियम का पालन नहीं किया। औद्योगिक संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं।
नोटिस देने की तैयारी
पीथमपुर औद्योगिक संगठन ने संधारण शुल्क में की गई बढ़ोत्तरी के विरोध में कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। पदाधिकारियों का कहना है कि संधारण शुल्क के अलावा जमीन आवंटन की जो दर तय की गई है, उसमें भी नियमों का पालन नहीं किया है।
इन क्षेत्रों में लगेगा शुल्क
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र, खेड़ा, मेघनगर, नमकीन क्लस्टर, सोनवाय भेंसलाय, रंगवासा राऊ, फार्मा क्लस्टर, अपेरल क्लस्टर, रेवला खुर्द, रुधि भावसिंगपुरा, हातोद, कसारबर्डी, उज्जैयनी और निमरानी औद्योगिक क्षेत्र में संधारण शुल्क की नई दरों से भुगतान करना होगा।
नई दरें लागू
औद्योगिक क्षेत्रों में संधारण शुल्क की नई दरें लागू कर दी गई हैं। छोटे उद्योगों को छह और बड़े उद्योगों को आठ रुपए प्रति मीटर की दर से शुल्क देना होगा।
- कुमार पुरुषोत्तम, एमडी, एकेवीएन
कोर्ट जाने की तैयारी
संधारण शुल्क तय करने में भू-आवंटन नियम की अवहेलना की गई है। हम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
- गौतम कोठारी, अध्यक्ष,
पीथमपुर औद्योगिक संगठन