विवानसिंह राजपूत इंदौर। ग्वालियर की दो बड़ी गैंग की नजर इन दिनों इंदौर में हो रहे बड़े प्रॉपर्टी विवादों पर है। करोड़ों की इन जमीनों के विवाद निपटाने तथा वर्चस्व बनाने के लिए ग्वालियर के गैंगस्टर शहर के बदमाशों से सिम बदलकर मोबाइल पर बात कर रहे हैं। हालांकि शहर में डीआईजी की सख्ती के चलते अपराध नियंत्रण में हैं, लेकिन फिर भी पुलिस इस पूरे मामले पर नजर रखे हैं। खुद डीआईजी मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
हाल ही में एटीएस ने रतलाम के सुधाकर मराठा को शहर में पकड़ा था। वह भी नानगुरु की विवादित प्रॉपर्टी का मैटर निपटाने यहां आया था। इसके पूर्व ऐसे ही एक मामले में निंबाहेड़ा (राजस्थान) के शहजाद लाला की हत्या हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक ग्वालियर में विनोद राणा व दीनू शर्मा उर्फ पंडित की बड़ी गैंग हैं। राणा गैंग में शूटर लाल सेंगर, हरेंद्र राणा, उप्र के नग्नु चौधरी व सोनू गौतम हंै, वहीं ग्वालियर में पनप रही दूसरी गैंग का सरगना दीनू शर्मा उर्फ पंडित है। पहले दीनू व विनोद राणा में विवाद चल रहे थे, लेकिन सालभर पहले दोनों में समझौता हो गया। राणा गैंग के अधिकांश बदमाश फिलहाल जेल में हैं।
डीआईजी के डर से सौदा रद्द
बताया जाता गैंग के अधिकांश लोग गैंगस्टर जेल में होने के कारण राणा गैंग में इन दिनों कुख्यात दीनू उनके काम संभाल रहा है। शहर में कई लोगों से संपर्क करने के लिए वह ग्वालियर से आकर इनसे मिलता है। कुछ प्रॉपर्टी के काम इन लोगों को हाल ही में मिले थे, लेकिन डीआईजी संतोषकुमार सिंह के खौफ के चलते इनकार कर दिया। दरअसल, डीआईजी सिंह पूर्व में ग्वालियर में पदस्थ रहे हैं। उस दौरान उन्होंने गैंगस्टर पर जबर्दस्त नकेल कसी थी। उनकी सख्ती के कारण न वहां अपराधों पर नियंत्रण हो गया और गैंगस्टर पलायन करने लगे। अब ऐसी ही स्थिति इंदौर की है। यहां ग्वालियर की दोनों गैंगों के कुछ गुर्गे हैं, लेकिन उन्होंने भी अब गैंग से प्रॉपर्टी विवाद निपटाने के सौदों को टाल दिया है। उन्हें खतरा है कि कहीं ग्वालियर पुलिस इनके साथ उन्हें भी पकड़कर न ले जाए।
सतीश भाऊ की गैंग ने टेके घुटने
उधर,एक समय सक्रिय रही सतीश भाऊ की गैंग ने पुलिस के सामने घुटने टेक दिए हंै। पुलिस की सख्ती से गैंग में कोई बदमाश ऐसा नहीं बचा, जो विवादित काम निपटाने की सुपारी ले। महीनेभर पहले पैरोल पर जेल से आए सतीश भाऊ की बात दीनू पंडित से हुई थी। पंडित शहर की सेंट्रल जेल में रह चुका है, तब उसने वहां कई बदमाशों से दोस्ती की थी। बाहर आने के बाद भी वह दीनू के संपर्क में है लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते अभी कोई अपराध नहीं किया है।
पुलिस की पैनी नजर
शहर में गैंगस्टर को लेकर भले ही स्थिति अभी नियंत्रण में हो, लेकिन ग्वालियर के इन दोनों गैंगों की सक्रियता की सूचना मिलने से क्राइम ब्रांच सहित कुछ थाना पुलिस सक्रिय है। इन थानों के ऐसे कुख्यातों पर पुलिस की नजर हैं जिनके खिलाफ जमीन विवाद में हत्या, हत्या का प्रयास व अन्य केस दर्ज हो चुके हैं। इसके साथ ही तकनीकी रूप से भी इनके संपर्क सूत्रों पर नजर रखी जा रही है।
...तो कठोर कार्रवाई की जाएगी
संभावित अपराधियों के मूवमेंट पर नजर रखी जाती है, उन्हें बारीकी से मॉनिटर किया जाता है। अपराधियों को शरण देने वालों पर भी नजर रहती है। डोजियर भरवाए जाते हैं, जिनमें उनकी जानकारी होती है। स्पष्ट कर दिया जाता है कि अगर वे अपराध करेंगे तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- संतोषकुमार सिंह, डीआईजी