28 Mar 2024, 15:48:31 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

कृष्णपाल सिंह इंदौर। शहर में भू-जलस्तर तेजी से घट रहा है। फिर बात बोरिंग की करें या तालाबों की...। चौंकिए मत, यह हकीकत है। इंदौर का आकार 29 गांव शामिल होने से बड़ा हो गया है। सभी 85 वार्डों में स्थिति दयनीय बनी हुई है और हर तरफ पानी के लिए संघर्ष जारी है, तो मटके भी फूट रहे हैं। सुबह से ही इन वार्डों में संघर्ष की कहानी शुरू हो जाती है, कोई साइकिल लेकर निकल पड़ता है तो कोई ठेला लेकर तो कहीं पानी का घंटों इंतजार किया जाता है, कोई एक घड़ा तो कोई दो घड़े पानी के लिए सुबह से दूर-दराज निकल पड़ता है।

पिछले साल की तुलना में तालाबों में कहीं पर दो तो कहीं पर तीन फीट तक जलस्तर घटा है। यह चिंता का विषय है। इसलिए अब बूंद-बूंद सहजने की जरूरत है। यशवंत सागर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर तक 4.10 फीट तक जा पहुंचा है। वहीं, 100 से ज्यादा बोरिंग जवाब दे चुके हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है पानी के लिए कितना संघर्ष आम आमदी को करना पड़ रहा हैं, जिसमें नर्मदा का पानी भी ‘हांफना’ शुरू हो गया है, जिससे शहर के ज्यादातर हिस्सों में पानी पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं।

हाहाकार वार्डों में पानी के लिए
सुबह से ही वार्डों में पानी को लेकर लोगों में झगड़े होना आम बात हो गई है। कोठी, तपेला, और डिब्बे लेकर लोग टैंकर की आस में बैठे रहते हैं और जैसे ही टैंकर पहुंचता है लोग उस पर टूट पड़ते हैं। कई स्थानों पर तो विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इसी को देख अब पार्षदों द्वारा स्वयं एक-एक स्थान पर टैंकर भेजकर उसकी मॉनिटरिंग करवाई जा रही है, ताकि कहीं पर कोई बड़ा विवाद न हो जाए। 85 वार्डों में से 16 वार्डों में सबसे ज्यादा दिक्कत हैं, जिसकी आबादी करीब साढ़े चार लाख है। इनकी प्यास बुझाने में नर्मदा फेल हो गई तो टैंकर का सहारा है। इसलिए सुबह से ही पार्षदों का संघर्ष शुरू हो जाता है कि कहीं चाकू-छुरे न चले और सभी को पानी मिल जाए। कई स्थानों पर तो पार्षद खुद जाते हैं और पानी बंटवाते हैं, जबकि कुछ पर उनके कार्यकर्ता। निगम द्वारा किराए पर लिए 199 टैंकर और स्वय के 52 टैंकर से भी स्थिति नहीं सुधरी हैं और सुबह से जनता पानी की आस में कतार में खड़ी रहती है।

नर्मदा का पानी पहुंचने में आ जाती हैं बाधाएं
>    तेज आंधी-तूफान में जलूद में तारों का टूटना।
>    जलूद में बार-बार पम्पों का खराब होना।
>    नर्मदा की फर्स्ट, सेकंड और थर्ड फेज की मुख्य लाइन में लीकेज का होना।
>    नर्मदा के सप्लाय वॉल के खराब होने से टंकियों का न भरना।
>    अफसरों की लापरवाही से छोटे लीकेज का बड़ा होना।
>    खुदाई के दौरान बार-बार नर्मदा लाइन का फूटना।
>    लाइन में प्रेशर का न बनना, जिससे टंकियों का अधूरा भराना।

और भी हैं समस्याएं
>    घर-घर में नर्मदा का गंदा पानी।
>    पाइपलाइन के खस्ता हाल।
>    प्रेशर में पाइपलाइन का बार-बार फूटना।
>    जहां मर्जी पड़ी वहां कर दी खुदाई और फोड़ दी लाइन।
>    मुख्य ट्रंक पाइपलाइन से कनेक्शन को जोड़ना।
>    पश्चिम और मध्य में दशकों पुरानी लाइन।
>    नई टंकियों में डाली गई सप्लाई लाइन में जगह-जगह लीकेज।
>    कई स्थानों पर ड्रेनेज लाइन के अंदर से पानी की पाइपलाइन का गुजरना।
>    ड्रेनेज ओवरफ्लो होने से घरों में बदबूदार पानी का आना।

पानी को सहेजने में मिलेगी सफलता
वार्डों में पानी की दिक्कत को देखते हुए किराए के टैंकर भी लगाए गए हैं। इसके अलावा निगम के टैंकरों से भी पानी सप्लाय कर रहे है। नर्मदा का पानी भी आ रहा है, इसलिए कहीं कोई दिक्कत नहीं हैं। जहां से शिकायत मिलती है, वहां टैंकर भेज दिए जाते हैं। तालाबों के गहरीकरण तेजी से किया जा रहा है, साथ ही रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस वर्ष बरसात के पानी को सहेजने में सफलता मिलेगी।
- मालिनी गौड़, महापौर

अपर आयुक्त ने ली बैठक
शहर में पानी की समस्या कहीं न हो। शिकायत मिले तो तत्काल टैंकर की व्यवस्था की जाए। यह बात बुधवार को अपर आयुक्त देवेंद्रसिंह ने बैठक के दौरान कही। इस दौरान जलकार्य समिति प्रभारी बलराम वर्मा, नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। अपर आयुक्त ने कहा शिकायतों पर ध्यान दें और सही मॉनिटरिंग करें।

पानी की समस्या पर फोड़े मटके

इंदौर। पानी की भीषण समस्या को लेकर आक्रोशित रहवासियों ने बुधवार को विजय नगर जोनल कार्यालय पर धरना दिया। गुस्से में उन्होंने मटके फोड़कर नारेबाजी भी की। रहवासियों का कहना था कि पार्षद संध्या सोलंकी को कई बार शिकायत की पर ध्यान नहीं दिया। इसके बाद जोनल अधिकारी अभय राठौर को भी समस्या बताई गई तो उन्होंने भी नजर अंदाज कर दिया।

सुधरा वॉल अब बंटेगा पानी
इंदौर। रेडिसन होटल के सामने पाइपलाइन का मुख्य वॉल बुधवार को सुधार लिया गया। इससे क्षेत्र में पानी कि दिक्कत खत्म हो गई है। वो सभी टंकियां अब भरा सकेंगी, जो मंगलवार को नहीं भराई थीं। अफसरों की मानें तो खजराना, महालक्ष्मी नगर, स्कीम नंबर 54, 74, 78 बर्फानी धाम, बजरंग नगर, शिव नगर सहित अन्य स्थानों पर अब पानी बंट सकेगा।

वाटर हार्वेस्टिंग का निरीक्षण
इंदौर। नगर निगम द्वारा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ नगर के विभिन्न भवनों में जाकर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निरीक्षण किया जा रहा है। बुधवार को शैलबी हॉस्पिटल, अपोलो स्क्वेयर, आईडीए बिल्डिंग, बॉस्केटबॉल, अभय प्रशाल, ओल्ड पलासिया स्थित भवनों का निरीक्षण किया गया। जहां कमियां पाई गई, उन्हें 10 दिन की मोहलत दी गई।

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