रफी मोहम्मद शेख इंदौर। ‘रुक जाना नहीं...’, राज्य शासन की इस नई योजना का मकसद विद्यार्थियों को असफलता की निराशा से उबारना कम और ओपन स्कूल बोर्ड को फिर से खड़ा करना ज्यादा दिख रहा है। दरअसल, फेल हुए बच्चों को एक और मौका देने का यह काम सरकार सप्लीमेंट्री परीक्षा के माध्यम से भी कर सकती थी। उसके नियमों में ढील देकर या बदलाव कर बच्चों का भला करने के बजाय सरकार उनसे परीक्षा फीस के नाम पर तीन गुना वसूली कर रही है। इस लिहाज से यह योजना विद्यार्थियों के लिए काफी भारी सिद्ध हो रही है। इसके बाद भी बदले में विद्यार्थी को रेग्युलर के बजाय ओपन (यानी प्राइवेट) की डिग्री दी जाएगी। जो अभी तक बोर्ड से पढ़ने वाले विद्यार्थी के लिए एक और बड़ा झटका होगा।
जानकारी का अभाव
कई विद्यार्थियों को अभी यह बात मालूम नहीं है और उन्होंने इस योजना के अंतर्गत जल्दी रिजल्ट के चक्कर में अपने परीक्षा फार्म भर दिए हैं। उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा और ओपन बोर्ड में अंतर भी पता नहीं है।
ओपन की मार्कशीट को वेटेज नहीं
पिछले कई सालों से ओपन बोर्ड लगभग बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल और ओपन बोर्ड की मार्कशीट की वैधता में भी बहुत अंतर है। प्रदेश और प्रदेश के बाहर ओपन बोर्ड की मार्कशीट को इतना वेटेज नहीं दिया जाता है। कई बड़े संस्थान तो एडमिशन में इसे मान्य ही नहीं करते हैं।
कई फर्जीवाड़ों ने गिराई साख
ओपन बोर्ड में विद्यार्थियों को पास करने के खेल का भी भंडाफोड़ हो चुका है, जिसके बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के अतिरिक्त अन्य बोर्ड पर ध्यान देना बंद कर दिया है। इसमें मदरसा बोर्ड और संस्कृत बोर्ड भी शामिल हैं, जिनमें कई फर्जीवाड़े उजागर हो चुके हैं।
ऐसी है योजना
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाई स्कूल और हायर सेकंडरी की परीक्षाओं में एक से अधिक विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थियों के लिए ‘रुक जाना नहीं योजना’ शुरू की गई है। इसके माध्यम से सरकार उसे पास होने का एक और मौका दे रही है, ताकि वह निराशा में कोई गलत कदम नहीं उठाएं।
ये सवाल बढ़ा रहे छात्रों की परेशानी
सप्लीमेंट्री की तरीख बाद में क्यों घोषित की गई?
12वीं मुख्य परीक्षा की फीस करीब 400 रुपए है, पूरक में एक विषय के 250 रुपए, तो इसकी दो विषयों की ही फीस 1460 रुपए क्यों?
पास होने पर विद्यार्थी को ओपन बार्ड की मार्कशीट देना क्या उचित है, जबकि उसने सालभर नियमित रूप से पढ़ाई की।
सप्लीमेंट्री परीक्षा के बाद इसका रिजल्ट जल्दी घोषित कर लिया जाता तो विद्यार्थी के साथ न्याय होता।
मार्कशीट तो बोर्ड की ही चाहिए
अगर मुझे परीक्षा देने के बाद ओपन स्कूल बोर्ड की मार्कशीट मिले तो किस काम की? वास्तव में सरकार भले ही परीक्षा इस बोर्ड से ले, लेकिन मार्कशीट तो माध्यमिक शिक्षा मंडल से ही दे तभी योजना काम की है।
- कपिल शर्मा, विद्यार्थी
होगा फायदा
ओपन बोर्ड सभी जगह मान्य है। इसमें विद्यार्थियों का फायदा ही है, सप्लीमेंट्री परीक्षा का शेड्यूल पहले से तय है।
- दीपक जोशी, राज्य मंत्री
स्कूल शिक्षा