तेज कुमार सेन इंदौर। यदि आप 2 जुलाई से शुरू हो रही 48 दिवसीय बाबा अमरनाथ यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको कुछ आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करना होंगी। 18 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने गाइडलाइन तय की है। इसके अनुसार प्रत्येक यात्री को सक्षम डॉक्टर या मेडिकल इंस्टिट्यूट से फिजिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा, जो 10 फरवरी 2016 के बाद का होना चाहिए। आरएमपी डॉक्टर द्वारा जारी सर्टिफिकेट मान्य नहीं होगा।
बोर्ड ने सभी डॉक्टरों व मेडिकल इंस्टिट्यूट को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 13 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति के साथ ही छह सप्ताह से अधिक गर्भ वाली महिला को हेल्थ सर्टिफिकेट जारी न करें, क्योंकि उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। चेकअप के दौरान यात्री में कोई बीमारी मिलती है तो उसका व दवाइयों का पूरा विवरण सर्टिफिकेट में स्पष्ट लिखना होगा, ताकि विपरीत परिस्थिति में उसका तत्काल इलाज किया जा सके। इस आधार पर ही बैंकों से यात्रा अनुमति फॉर्म मिल सकेंगे। इसके लिए पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू-कश्मीर बैंक व यस बैंक की देश में लगभग 430 शाखाओं को अधिकृत किया गया है।
दुर्गम राह है बाबा बर्फानी की
जम्मू-कश्मीर व केंद्र सरकार द्वारा इस यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहलगाम से करीब 32 और बालटाल से लगभग 14 किमी दुर्गम पहाड़ियों के बीच की इस रोमांचक यात्रा पर हर वर्ष हजारों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाते हैं। समुद्रतल से लगभग 14500 फीट ऊंचाई पर बाबा की पहाड़ी तक पहुंचने का रास्ता काफी कठिनाईभरा है, उस पर वहां का मौसम भी अनिश्चितताएं लिए रहता है।
इन सबको देखते हुए अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने एहतियातन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुछ हेल्थ टिप्स भी जारी किए हैं...
यात्रा से पहले पैदल चलने की आदत डालें। इसके लिए लगभग एक माह पहले से रोज चार से पांच किलोमीटर पैदल चलें।
इसी तरह योग और गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज भी शुरू करें, ताकि आॅक्सीजन की कमी होने पर परेशानी न हो। खासकर प्राणायाम अवश्य करें।
यात्रा तय करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें कि पहाड़ी इलाके की दुर्गम यात्रा के लिए फिट हैं या नहीं।
पानी ज्यादा पीने की आदत भी डालें और कम से कम पांच लीटर पानी रोज पीएं।
अपने साथ पोर्टेबल आॅक्सीजन ले जा सकते हैं, ताकि सांस लेने में दिक्कत आने पर इसका सहारा ले सकें।
स्वास्थ्य संबंधी कोई भी गड़बड़ हो तो यात्रा मार्ग पर हर दो किमी दूरी पर स्थित स्वास्थ्य केंद्र की मदद ले सकते हैं।