मुनीष शर्मा इंदौर। अनुसूचित जाति वर्ग की बस्तियों के विकास कार्यों के लिए जिले को सरकार द्वारा जारी तीन करोड़ रुपए आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव के कारण लैप्स हो गए हैं। उन्होंने इसकी जानकारी वरिष्ठों को भी नहीं दी। देपालपुर विधायक मनोज पटेल ने जब उनके क्षेत्र में इन मदों से काम नहीं होने की जानकारी मांगी, तब सहायक आयुक्त ने राशि लैप्स होने की जानकारी दी। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा सरकार जब पैसा देती है तो फिर आप खर्च क्यों नहीं करते? इसके बाद जिला पंचायत सीईओ वरदमूर्ति मिश्रा को राशि लैप्स होने की जानकारी मिली। अब श्रीवास्तव को मिश्रा ने नोटिस जारी किया है। विभाग में 2.36 करोड़ रुपए अजा बस्ती विकास के नाम पर आए थे। इससे जिले की अजा बस्तियों में सड़क, भवन या अन्य निर्माण कार्य होना थे। इसके अलावा 25 लाख मंजरा-टोलों तथा 25 लाख रुपए कुओं के विद्युतीकरण के लिए सरकार ने जारी किए थे। मंजरा-टोलों में भी पानी की टंकी, हैंडपंप, बिजली कनेक्शन के लिए भी पैसा दिया जाना था। यह राशि जनवरी में मिल गई थी, जिसे मार्च तक खर्च करना थी।
हालांकि कहां क्या काम कराना है, यह सालाना कैलेंडर में तय हो जाता है, लेकिन इस मद की कुछ राशि होस्टलों की बाउंड्रीवॉल निर्माण में लगा दी, जो नियम विरुद्ध है। इस खर्च के पीछे कमीशन की बात भी सामने आ रही है। दबंग दुनिया ने सहायक आयुक्त से बात करना चाही, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सकीं।
जवाब के बाद कार्रवाई होगी
आदिम जाति कल्याण विभाग की सहायक आयुक्त मोहिनी श्रीवास्तव को नोटिस देकर राशि लैप्स होने का कारण पूछा है। अब उनके जवाब के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
- वरदमूर्ति मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ