कृष्णपाल सिंह
इंदौर। बिजली कंपनी अब घाटा बताकर ज्यादा दर वृद्धि नहीं कर सकेगी। कंपनी को बिजली बेचकर अतिरिक्त 724 करोड़ रुपए का फायदा मिलेगा, जिससे घाटे की भरपाई की जा सकेगी। इस पर विद्युत नियामक आयोग ने मुहर भी लगा दी है। तीनों बिजली कंपनियों ने बिजली बेचने की दर 2.94 रुपए प्रति यूनिट बताई थी, जिस पर नियामक आयोग ने 3.16 रुपए प्रति यूनिट बेचने की राशि तय कर दी। इधर, बिजली बेचने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। कुल मिलाकर आयोग ने कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया है। अब तक बिजली की खरीदने-बेचने के चक्कर में करोड़ों रुपए के खेल हो जाते थे जो अब नहीं हो सकेंगे।
नहीं बढ़ा सकेगी दर
प्रदेश में सरप्लस बिजली 19593 मिलियन यूनिट है। इसे कंपनी ने 2.94 रुपए में बेचने का प्रस्ताव दिया था, जबकि बिजली की कॉस्ट 2.79 रुपए प्रति यूनिट बताई गई। आयोग ने बिजली बेचने की कीमत 3.16 रुपए प्रति यूनिट तय कर दी। इस मान से .37 पैसे अतिरिक्त राशि बिजली बेचने पर कंपनी को मिलेगी। कुल 19593 मिलियन यूनिट को बेचकर राशि 6191 करोड़ रुपए मिलेंगे, जिसमें .37 पैसे अतिरिक्त से राशि 724 करोड़ हो जाएगी। यानी कंपनी को सीधा-सीधा फायदा होगा, जिससे वह नए वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में वृद्धि नहीं कर सकेगी।
ये होती थी धांधली
अब तक बिजली कंपनी के अफसर बिजली की आवश्यकता न बताकर सस्ते दामों पर बिजली बेच देते थे और जमकर कमीशनखोरी की जाती थी। इसके बाद शाम को 6 से रात 10 बजे तक बिजली की आवश्यकता बताकर 10 से 15 रुपए में बिजली खरीदी जाती थी, जिसमें करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया जाता था। कुल मिलाकर पावर परचेसिंग में जमकर खेल होता था। इस पर आयोग ने पूरी तरह अंकुश लगा दिया है।
इस तरह होगा फायदा
प्रदेश में इस साल बिजली का उत्पादन प्रस्तावित 81556 मिलियन यूनिट।
तीन बिजली कंपनी (मध्य, पूर्व व पश्चिम) की आवश्यकता प्रस्तावित 64261 मिलियन यूनिट।
सरप्लस पावर 17305 मिलियन यूनिट रहेगा।
वहीं, सौर उर्जा, बायोमास से 2287 मिनियन यूनिट बिजली मिलेगी।
कुल 19593 मिलियन यूनिट बिजली अतिरिक्त बचेगी, जिसे बेचना पड़ेगी।
बिजली बेचने के लिए कंपनी ने 2.94 रुपए का प्रस्ताव दिया था, जिसे विरोध के बाद आयोग ने 3.16 रुपए कर दिया।
बिजली बेचने में टेंडर प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य कर दिया।
बिजली बनाने की एवरेज कॉस्ट 2.79 रुपए प्रति यूनिट बताई गई।
बिजली बेचने से 6191 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होगा, जबकि .37 पैसे अतिरिक्त होने से कंपनी को अब 724 करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा होगा।
एक्सपर्ट व्यू
बिजली खरीदने और बेचने के नाम पर करोड़ों रुपए का खेल किया जाता था, जिस पर आयोग ने अंकुश लगा दिया है। हमने ही आयोग के समक्ष ये मुद्दा उठाया था। इसमें बताया गया कि महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश सहित अन्य राज्यों में बिजली 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जा रही है तो हम बिजली 2.94 रुपए प्रति यूनिट से घाटे में क्यों बेच रहे हैं। इस पर टेंडर जारी किए जाएं, जिस पर आयोग ने सहमति दे दी। इससे करोड़ों की कमीशनखोरी पर अंकुश लग गया। अब बिजली बेचने में 6191 करोड़ रुपए मिलेंगे। उसमें .37 पैसे अतिरिक्त मिलने से 724 करोड़ रुपए का फायदा कंपनी को होगा। इसके चलते अब नए वर्ष में दर वृद्धि नहीं कर सकेंगे, क्योंकि 724 करोड़ रुपए का फायदा जो होगा।
- आरसी सोमानी,
रिटायर्ड अधीक्षण यंत्री,
मप्र विद्युत मंडल