मुनीष शर्मा
इंदौर। रिजर्व बैंक की नई व्यवस्था के तहत जल्द ही बैंकों में सीजरों के भी लाइसेंस जारी होंगे, ताकि ग्राहकों के साथ बदसलूकी न हो। फिलहाल बैंकों के सीजरों के लिए गाइड लाइन नहीं है। इस कारण बैंक प्रबंधन किसी को भी वसूली एजेंट के रूप में रख लेता है। कुछ सीजर वसूली के नाम पर ग्राहकों से बदसलूकी करते हैं, जिसे रोकने के लिए रिजर्व बैंक लाइसेंस की व्यवस्था बनाने जा रहा है। रिजर्व बैंक चाहता है लोन लेने वाले की समय पर किस्त जमा हो, लेकिन वसूली के लिए ग्राहकों के साथ गुंडागर्दी सही नहीं है। जो नई गाइड लाइन बनाई जाना है उसमें वह एजेंसियों को लाइसेंस दिलवाएगा, ताकि वसूली करने वालों के नामों की जानकारी दस्तावेजों में रहे। अभी तक सीजर किसी एक नाम से बैंक में अघोषित रूप से रजिस्टर्ड रहता है, जो अपने साथ वसूली के लिए जिन युवकों को ले जाता है उनके नामों की जानकारी बैंक प्रबंधन को नहीं होती है। जब किसी ग्राहक से विवाद बढ़ जाता है और शिकायत बैंक प्रबंधन या थाने तक पहुंचती है, तो बैंक वाले पल्ला झाड़ लेते हैं। जब एजेंसी को काम मिलेगा, तो उसमें काम करने वालों का रिकॉर्ड संबंधित बैंक के पास रहेगा। ऐसे में पुलिस रिकॉर्ड में लिस्टेड को सीजर का काम नहीं मिल पाएगा।
गुंडागर्दी पर कर सकते हैं शिकायत
एसबीआई के अधिकारियों का कहना है यदि कोई सीजर गुंडागर्दी कर रहा है तो अभी भी उसकी शिकायत प्रबंधन से की जा सकती है। बैंक का पैसा पब्लिक प्रॉपर्टी है, जिसे वसूला जाना भी जरूरी है। यदि व्यक्ति लोन नहीं चुकाता है तो हम न्यायालय या जिला कलेक्टर के पास ही प्रकरण ले जा सकते हैं। यह काफी लंबी प्रक्रिया हो जाती है। सीजर के ग्राहक के पास जाने से वसूली जल्दी हो जाती है। चूंकि सीजर को लाइसेंस जारी करने का कोई नियम नहीं है, इसलिए हम भी लाइसेंस नहीं देते हैं। रिजर्व बैंक की गाइड लाइन आते ही हम उस आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।
रास्ते से ही ले जाते हैं वाहन
सबसे ज्यादा विवाद वाहनों के लोन नहीं चुकाने को लेकर होते हैं। कुछ बैंकों के सीजर तो लोन नहीं चुकाने वाले से रास्ते में ही गाड़ी छीनकर ले जाते हैं। वाहन कौन ले जा रहा है इस बारे में लोनधारक को भी पूरी जानकारी नहीं रहती है। बैंक वाले जब वाहन जब्त करने की पुष्टि करते हैं तब उसका कुछ टेंशन कम होता है, क्योंकि ऋण वसूली के नाम पर चोर भी साजिश कर सकते हैं। लाइसेंस रहने से ग्राहक को पता रहेगा कि वाहन जब्त करने वाला बैंक का आधिकारिक व्यक्ति है। कुछ सीजर तो ऐसे हैं जो बैंक अधिकारियों को बताए बिना संबंधित ग्राहक से सेटिंग भी कर लेते हैं।