26 Apr 2024, 00:45:25 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

रफी मोहम्मद शेख
 
इंदौर। च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में देशभर के विश्वविद्यालयों में समान सिलेबस नहीं होगा। यूजीसी ने साफ कर दिया है कि विवि अपने हिसाब से सिलेबस तय कर सकता है। साथ ही उसे पढ़ाई के क्रेडिट भी खुद तय करने का अधिकार होगा। कई विवि यूनिफाइड सिलेबस का विरोध कर रहे थे। नए सत्र से शुरू होने वाले सीबीसीएस में सबसे महत्वपूर्ण बिंदु पर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की प्रारंभिक प्रतिक्रिया ने यूनिफाइड सिलेबस योजना को खत्म कर दिया है। यूजीसी द्वारा ली गई कार्यशालाओं में अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि देश में यूनिफाइड सिलेबस समान रूप से लागू करने की कोई मंशा नहीं है। जो सिलेबस लोड किया गया, वह केवल विवि की गाइडलाइन के लिए है।
 
 
...तो विद्यार्थी एक ही कोर्स कैसे पढ़ेगा
यूजीसी के स्पष्टीकरण से तय हो गया है कि विवि को मिले इस अधिकार से सब जगह अलग-अलग सिलेबस होगा। सवाल यह है कि ऐसे में विद्यार्थी देश के विभिन्न विवि में जाकर एक समान कोर्स या विषय कैसे पढ़ सकेगा।
 
 
बड़े विश्वविद्यालयों ने किया था विरोध
जैसे ही यूजीसी ने अपनी वेबसाइट पर सीबीसीएस के विभिन्न कोर्सेस का सिलेबस अपलोड किया, दिल्ली सहित अन्ना विवि चैन्नई, मुंबई विवि आदि से विरोध के स्वर उठे थे। इनमें कई कोर्सेस सीबीसीएस के आधार पर चल रहे हैं। इनका अपना अलग सिलेबस है। यूजीसी द्वारा घोषित सिलेबस को इन्होंने अपने स्टैंडर्ड का नहीं मानकर यह कहते हुए विरोध किया कि इससे उनका स्टैंडर्ड घट जाएगा। संभवत: यूजीसी ने इसी के चलते यह निर्णय लिया है।
 
 
अन्य की इसलिए थी मांग
उधर, देश के अधिकांश विवि ने समान यूनिफाइड सिलेबस लागू करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि जब विद्यार्थी को अपना आॅप्शनल विषय चुनने का अधिकार है और उसके साथ ही पढ़ाई भी बीच में अन्य संस्थान में करने की छूट है, तो यूनिफाइड कोर्स लागू होना चाहिए। यूजीसी ने दो साल पहले सीबीसीएस लागू करने को कहा था, लेकिन विवि ने सिलेबस और स्कीम न होने की बात कह इसे लागू नहीं किया। अब पहले यूजीसी ने यूनिफाइड सिलेबस बनाया, लेकिन इसे मॉडल बताते हुए इसमें संशोधन की छूट भी दे दी। वैसे अधिकांश विवि इसे लागू करने के पक्ष में हैं। यूजीसी ने इसी सत्र से इसे लागू करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग भी शुरू कर दी है। इसे देखते हुए देअविवि सहित अन्य ने भी इस दिशा में बड़े कदम उठा दिए हैं। अब डिपार्टमेंट के लिए सिलेबस तय करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह कॉलेजों में भी लागू करना था, लेकिन पहले चरण में केवल विवि में ही लागू करने की सलाह दी गई है।
 
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