- संजय सोनी
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छह माह पहले की गई अपील का व्यापारियों में कोई असर नहीं हुआ, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने और मंच से आश्वासन देने के बाद भी इन व्यापारियों ने बात नहीं मानी। हिन्दी सम्मेलन से कुछ दिन पहले हुई इस सभा में मौजूद व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों ने सीएम को यह विश्वास भी दिलाया था कि व्यापारी जल्द अपनी दुकानों का नाम हिन्दी में और टीटीनगर की जगह तात्याटोपे नगर लिखवा लेंगे। इतना ही नहीं सीएम ने सभा के बाद अपनी सहजता और सरलता का परिचय देते हुए न्यू मार्केट में व्यापारियों को बोर्ड हिन्दी में लिखवाने की हाथ जोड़कर अपील भी की, तो उस समय सभी ने हामी भरकर जल्द करने की बात कही थी, लेकिन कुछ व्यापारियों को छोड़कर बाकी ने बोर्ड नहीं बदले। सीएम के आदेश के परिपालन में ननि ने दिनरात एक कर हिन्दी में फ्लैश बनवाकर दुकानों के सामने लटका दिए। इससे सीएम का आदेश भी पूरा हो गया और नाक भी बचा ली। 10 से 12 सितंबर तक हुआ हिन्दी सम्मेलन तो बीत गया, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर सीएम के आदेश पर व्यापारियों की यह नाफरमानी पर प्रशासन क्या रुख अपनाता है। सीएम की सभा में उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह, महापौर आलोक शर्मा, ननि अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान, कलेक्टर निशांत बरबड़े, कमिश्नर तेजस्वी एस नायक की मौजूदगी में निर्णय लिया था कि हिन्दी सम्मेलन होने से पहले बोर्ड हिन्दी में करवा लेंगे, लेकिन इन ऐसा नहीं किया।
आर्य समाज मार्केट में लगेंगे हिन्दी बोर्ड
जवाहर चौक स्थित आर्य समाज मंदिर वाले मार्केट के व्यापारियों ने सबसे पहले सीएम की पहल पर काम किया और बोर्ड हिन्दी में लिखवाए, स्थानीय पार्षद जगदीश यादव ने सबसे पहले सीएम की पहल पर अपने मेडीकल स्टोर का नाम हिन्दी में करवा लिया और सभी दुकान वालों को सहमत कर सीएम की पहल पर काम भी करा लिया। यादव ने बताया कि हिन्दी के साथ सभी में तात्याटोपे नगर भी लिखवा लिया।
कोई खर्च को डरा, तो किसी ने किया ब्रांड बदलने से इनकार
न्यू मार्केट को नया बाजार, दुकान का नाम हिन्दी में और टीटीनगर को तात्याटोपे नगर करने की सीएम शिवराज सिंह चौहान की अपील पर करीब 1400 दुकान वाले न्यू मार्केट में से 50 से 75 ही बमुश्किल व्यापारी हैं, जिन्होंने हिन्दी में बोर्ड कराए हैं। अगर आंकड़ों से हिसाब लगाएं तो केवल 5 फीसदी ही व्यापारियों ने सीएम की बात मानी है। इस मामले में व्यापारी संघ के अध्यक्ष, व्यापारियों के अपने अपने तर्क हैं। कई व्यापारियों ने बिना नाम लिखे की शर्त पर बताया कि बोर्ड में काफी खर्च आता है। इसलिए प्लानिंग करके ही काम करवा पाएंगे, अभी करना भी है कि नहीं यह भी तय नहीं है।