-कृष्णपाल सिंह
इंदौर। विकास की कमान संभाल रही ‘शहरी सरकार’ के फर्जीवाड़े खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां निगम के ‘जादूगर’ बड़े ही शातिराना ढंग से ठेकेदार और नेताओं की मदद से फर्जीवाड़ा कर निगम को करोड़ों की चपत लगा रहे हैं। इसमें कमीशनखोर भी पीछे नहीं हैं। कमीशन के चक्कर में काम की गुणवत्ता से समझौता कर लेते हैं, तो कहीं पर बगैर काम इंजीनियरों की मदद से फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए निकाल लिए जाते हैं। इसका खुलासा सुभाष नगर जोन में हुई जांच के बाद हुआ है।
ऐसे अन्य वार्डों की जांच की जाए तो ढेरों फाइलें निकल सकती हैं जो फर्जी तरीके से तैयार की गई हैं और जहां जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ। इन फाइलों का भौतिक सत्यापन भी ‘हवा’ में कर दिया गया। विशेषज्ञों की मानें तो 69 वार्डों का पांच साल का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो 100 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। दरअसल, सब इंजीनियर स्व. नरेश नेहलानी की आत्महत्या के बाद हुई जांच में 51 फाइलों में 47 में गड़बड़ी मिलीं, जिसमें 22 लाख की धांधली उजागर हुई। दबंग दुनिया ने विकास कार्यों में हुई ऐसी ही धांधली की छानबीन की। एक रिपोर्ट।
सालों से चल रही गड़बड़ी होगी उजागर
विशेषज्ञों की मानें तो 169 फाइल में 75 फाइलें मिलीं, जिसकी जांच में 47 फाइलों में करीब 22 लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई। इसके अलावा 94 फाइलों का कोई लेखा-जोखा नहीं मिला। इन फाइलों की पड़ताल में 40 लाख से ज्यादा की धांधली मिलना तय है। इसी तरह पांच साल के रिकॉर्ड की जांच की जाए तो एक से डेढ़ करोड़ का फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। इस मान से 2014-15 तक 69 वार्डों में हुए कामों की जानकारी जुटाई जाए तो करीब 100 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। इसमें भी पूर्व पार्षद से लेकर वर्तमान पार्षद और निगम अफसरों का खेल उजागर हो सकेगा।
निगम में नहीं बचेगा कोई काम करने वाला
पांच से दस साल का रिकॉर्ड देखा जाए तो ढेरों गड़बड़ियां उजागर हो सकती हैं। इसमें 69 वार्डों में से इक्का-दुक्का वार्ड को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी की फाइलों में जमकर गड़बड़ी हुई है। अगर निगम अफसरों पर कार्रवाई की जाए तो पूरा निगम खाली हो जाए। निगम मुख्यालय पर फाइल जाती है तो वापस नहीं आती है। इसमें जनकार्य, जलकार्य, ड्रेनेज, उद्यान, विद्युत सहित अन्य में सेटिंग का खेल चलता है। कई स्थान तो ऐसे हैं, जहां पर काम भी नहीं हुआ है और निगम खजाने से पैसा निकल गया। मैं जल्द ही इसका खुलासा भी करूंगा। निगम इंजीनियरों की मदद से ही भ्रष्टाचार हो रहा है।
- छोटे यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष व पार्षद
गड़बड़ी करने वालों पर करेंगे कार्रवाई
एक वार्ड की 75 फाइलों में से 51 में गड़बड़ी उजागर हुई। आप बता रहे हैं तो पांच साल के रिकॉर्ड को भी खंगाला जाएगा कि कहां पर क्या हुआ है। गड़बड़ी करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- मनीषसिंह, कमिश्नर, नगर निगम