--रफी मोहम्मद शेख
इंदौर। ‘सब पढ़े, सब बढ़े’ के सूत्र वाक्य को आधार बनाकर 10 मेडिकल स्टूडेंट्स का मेडिको एजुकेशन ग्रुप एक साल से शिक्षा की अलख जगा रहा है। दिन में कॉलेज की पढ़ाई के बाद बचे हुए समय में विद्यार्थियों और महिलाओं को स्पोकन इंग्लिश सिखाते हैं। साथ ही पांचवीं तक के विद्यार्थियों को सभी विषय की कोचिंग दे रहे हैं। इसके लिए नाममात्र एक रुपया प्रतिदिन फीस ले रहे हैं। अभी तक 700 से अधिक विद्यार्थी लाभ ले चुके हैं। आगे इस काम को बड़े स्तर पर करने की योजना है।
कॉल सेंटर में नौकरी के लिए जब मनीष गुर्जर इंटरव्यू देने गए तो 72 विद्यार्थी पहुंचे थे। जब वहां पर हिंदी के एक पैरा का अनुवाद अंग्रेजी में करने को दिया तो मात्र 11 विद्यार्थी ही बचे। यह बात उन्हें अखर गई, उस समय वे 12वीं में थे, लेकिन ठान लिया था कि आगे ऐसे विद्यार्थियों के लिए कुछ न कुछ जरूर करेंगे। इसके बाद उनका सिलेक्शन बीएचएमएस में हो गया। सेकंड ईयर में पढ़ने वाले मनीष ने पिछले साल से इस सपने को मूर्तरूप देना शुरू कर दिया है।
10 स्टूडेंट्स ने बनाया ग्रुप
मनीष ने बीएचएमएस में ही पढ़ने वाली अपनी बहन दिव्या, बीपीटी इंटर्न महिपाल सिंह सहित 10 मेडिकल स्टूडेंट्स का मेडिको एजुकेशन ग्रुप तैयार किया। जिसमें मनीष, दिव्या, महिपाल व महिमा कोचिंग पढ़ाने वालों में शामिल हैं। वहीं बाकी लोग फाइनेंशियनली और अन्य तरीके से ग्रुप को मदद कर रहे हैं। सुबह यह सब अपने कॉलेज जाते हंै और शाम को कोचिंग पढ़ाते हंै। इसका समय शाम को 4 से 7 बजे तक है। कोचिंग के लिए मनीष ने अपना घर ही चुना है, जिसके लिए उनके पिता और माता भी मदद करती हैं।
स्पोकन इंग्लिश और कोचिंग
ग्रुप ने स्पोकन इंग्लिश के लिए पिछले साल क्लासेस शुरू कीं। इसमें न केवल इंग्लिश बोलना, बल्कि लिखना, पढ़ना और समझना भी सिखाया जा रहा है। पहले 15 साल से कम आयु वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए बैचेस लगाई जा रही थीं।
अब इसमें महिलाओं व छात्राओं के लिए अलग से बैच शुरू की गई है।
स्कूल में एडमिशन भी कराया
उनका उद्देश्य सभी को पढ़ने का मौका देना है। इसके लिए उन्होंने विद्यार्थियों से मात्र एक रुपए प्रतिदिन की फीस लेना निश्चित किया है। यहां तक कि बच्चों को कॉपियां, पेन समेत अन्य सामग्री भी मुफ्त देते हैं। कुछ बच्चे ऐेसे भी हैं, जो फीस के कारण इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ नहीं पाते हैं। इनको ग्रुप ने अपनी तरफ से आधी फीस देकर अंग्रेजी मीडियम में भर्ती करवाया है। इसके लिए स्कूलों से भी फीस कम करवाई गई है। वर्तमान में 200 विद्यार्थी उनके पास कोचिंग व स्पोकन इंग्लिश क्लासेस के रूप में रजिस्टर्ड हैं। वे अब अन्य क्षेत्रों में भी जाकर पढ़ाई का यह काम शुरू करना चाहते हैं। इसके लिए मेडिकल की पढ़ाई करने वाले अन्य विद्यार्थियों को ग्रुप से जोड़ने की योजना है, जो स्वेच्छा से ये काम करें।
मिल रही मानसिक शांति
हम कुछ ऐसा काम करना चाहते थे कि वास्तव में समाज को कुछ दे पाएं। इस काम से हमें मानसिक शांति मिल रही है। पिछले एक साल में हमने अपनी तरफ से कुछ देने की कोशिश की है और अब आगे बड़े रूप में इस काम को करने की इच्छा है।
- मनीष गुर्जर, डायरेक्टर, मेडिको एजुकेशन ग्रुप