19 Apr 2024, 15:54:25 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

प्रकाश भोमरकर-

भोपाल। राजधानी के पुलिस कंट्रोल रूम में बना ट्रैफिक पार्क इन दिनों जंगल बन गया है। बच्चों को यातायात नियम सिखाने के लिए बनाया गया गया यह पार्क अब कबाड़ रखने के लिए ही काम आ रहा है। आलम यह हो गए कि पार्क में लगे सांकेतिक बोर्ड भी अब जंग खाने लगे हैं। राजधानी में लगातार हादसे और ट्रैफिक नियमों का पालन न होने की वजह से इस पार्क को बनाया गया था, ताकि स्कूली बच्चों को पार्क में खेल-खेल में ही यातायात नियम सिखाए जा सके, लेकिन पार्क का इस्तेमाल और देखरेख नहीं होने से पार्क में लगाया गया लाखों रुपए बर्बाद हो गया।


हादसों में पांचवे नंबर पर प्रदेश

देश में मध्यप्रदेश अभी भी सड़क हादसों में पांचवे नंबर पर है। क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो कि रिपोर्ट के अनुसार 2014 में हादसे 2.9 फीसदी तक बढ़े है। देश में चार लाख सड़क हादसे हुए थे। इसमें 1.41 लाख लोगों की मौत हो गई , वहीं करीब दो लाख से ज्यादा लोग हादसे में अपंग हो गए। मध्यप्रदेश में 2013 की तुलना में 315 मौते 2014 में हुई। ब्यूरों की रिपोर्ट के मुताबिक मप्र में सड़क हादसों में वर्ष 2013 में 8977 मौतें और 34043 हादसे हुए थे। जबकि वर्ष 2014 में मौतों की संख्या बढ़कर 9292 और हादसें 39698 हो गए।

क्या था पार्क में
यदि इस पार्क की बात की जाए तो यहां पर्याप्त स्थान है, जहां सांकेतिक बोर्ड लगाए गए थे। इन बोर्ड के माध्यम से विभाग समय-समय पर स्कूली बच्चों को बुलाकर यातायात नियम खेल-खेल में ही पढ़ा देता था। दरअसल, यहां सांकेतिक बोर्ड के माध्यम से जेबरा क्रॉसिंग, स्टॉप लाइन, चलते समय गाड़ी मोड़ने से पहले इंडिकेटर का प्रयोग करना साथ ही किस स्थान पर कितनी गति से वाहन चलाना आदि नियमों को बताने सांकेतिक बोर्ड लगाए गए थे। हुए है।

स्कूलों में जाकर दे रहे प्रशिक्षण
राजधानी में हादसों में होने वाली मौतों के लेकर यातायात पुलिस जरूर चितिंत हैं। इसके लिए पुलिस प्रोजेक्टर के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों में ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ा रही है, लेकिन यदि बच्चों को प्राथमिक तौर पर ही इस पार्क में नियमों को पढ़ा दिया जाए तो वह कॉलेज जाने से पहले ही नियमों का पालन कर सकते हैं। इससे हादसों के बढ़ते ग्राफ में थोड़ी कमी जरूर लाई जा सकती हैं।

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