-रफी मोहम्मद शेख
इंदौर। प्रोविडेंट फंड डिपार्टमेंट ने अपने सदस्यों के अकाउंट और यूएएन के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। अगर वे 1 सितंबर तक केवायसी के रूप में आधार लिंक नहीं कराने वालों का पीएफ जमा होना बंद हो सकता है। आधार नंबर आने पर ही अकाउंट शुरू होगा। लिंक कराने की जिम्मेदारी नियोक्ता को दी गई है। पीएफ सदस्यों के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर अनिवार्य करने के बाद डिपार्टमेंट ने अकाउंट नंबर के लिए आधार कार्ड भी जरूरी कर दिया है। ऐसे सदस्य जिन्हें यूएएन नंबर जारी हो चुका है, उन्हें भी अपने अकाउंट को आधार नंबर से अपडेट करना होगा। अभी तक आधार के साथ ही बैंक खाता, मतदाता परिचय-पत्र, पेन नंबर सहित कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत किया जा सकता था, लेकिन अब केवल आधार नंबर ही मान्य किया जाएगा।
लगा रहे कैंप, करा रहे मुनादी
इसके लिए लगातार नोटिस के बाद नियोक्ताओं के खिलाफ पेनल्टी और कोर्ट केस की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। साथ ही नियोक्ताओं को जागरूक करने का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है। कई स्थानों पर आधार कार्ड बनवाने के शिविर लगाए गए हैं। मप्र के पीएफ कमिश्नर अजय मेहरा ने बताया हम आधार कार्ड बनाने के स्थायी कैंप भी लगवा रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में आॅटो से मुनादी कराकर जागरूक किया जा रहा है।
11 लाख में से मात्र तीन लाख
वर्तमान में मप्र के छह रीजन में करीब 12 लाख 69 हजार चार सौ 66 प्रोविडेंट फंड के सक्रिय सदस्य हैं, जिनमें से 10 लाख 98 हजार आठ सौ सात सदस्यों को यूएएन अलॉट किया गया है। इनमें से मात्र तीन लाख बीस हजार आठ सौ 24 ने यूएएन नंबर जारी कराने के लिए आधार कार्ड दिया है। यूएएन के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत करने वालों में सबसे कम ग्वालियर रीजन के 14 प्रश सदस्यों ने आधार जमा कराया, वहीं इंदौर में 23.5 प्रश सदस्यों ने जमा करा दिया है। सबसे अधिक उज्जैन में 36 तो सागर में ये संख्या 32 प्रश है। अगर देशभर के आंकड़ों से तुलना की जाए तो मप्र उनसे बेहतर स्थिति में है।
ब्याज और पेनल्टी लगेगी
जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उन्हें बनवाना होगा। जितने समय तक उनका अकाउंट बंद रहेगा, उस समय तक पेनल्टी और ब्याज भी जमा करना होगा। इसकी जिम्मेदारी नियोक्ता को दी गई है कि वे अपने पीएफ सदस्य का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से बनवाकर लिंक कराएं।