मुंबई। संपूर्ण सिंह कालरा यानी गुलजार, एक ऐसा नाम जो हर दौर के युवाओं के पसंदीदा शायरों में सबसे ऊपर हैं। एक बेमिशाल शायर, लेखक, निर्देशक, निमार्ता, गीतकार जैस कई पहचान उनके साथ जुड़े हुए हैं। गुलजार का जन्म 18 अगस्त 1934 को बंटवारे से पहले पंजाब में झेलम जिले के दीना गांव में हुआ था, जो आज पाकिस्तान में है।
गुलजार का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था। बंटवारे के बाद वो परिवार के साथ पंजाब में आकर रहने लगे। गुलजार शुरूआत से एक लेखक बनना चाहते थे, परिवार की मर्जी के खिलाफ वो मुंबई पहुंचे और यहां एक गैराज में मैकेनिक के तौर पर काम करने लगे। साथ ही खाली समय में कविताएं लिखा करते थे। मुंबई पहुंचने के बाद गुलजार निर्देशक बिमल रॉय, ऋषिकेश मुखर्जी और संगीतकार हेमंत कुमार के साथ सहायक के तौर पर काम करने लगे।
उन्होंने बिमल रॉय की फिल्म 'बंदिनी' में अपना पहला गाना 'मोरा गोरा अंग' लिखा। जबकि बतौर निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म साल 1971 में 'मेरे अपने' बनाई। शुरूआती फिल्मों में उनकी पसंद संजीव कुमार रहे, जिनके साथ गुलजार ने कोशिश(1772), आंधी (1974), मौसम (1975), अंगूर(1981) और नमकीन (1982) जैसी फिल्में बनाई। अपनी लेखन कला के जरिए गुलजार ने सभी बड़े पुरस्कार जीते। सार्वजनिक जीवन में बेहद सफल रहे गुलजार की शादीशुदा जिंदगी उतनी बेहतर नहीं रही