मुंबई। 'पद्मावती' विवाद पर अभिनेता शाहिद कपूर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। शाहिद ने फिल्म में राजा रतन सिंह का किरदार निभाया है। उन्होंने फिल्म पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हमारे संविधान में कहा गया है कि किसी को तब तक दोषी नहीं माना जा सकता, जब तक कि आरोप सिद्ध न हो जाए। यही बात पद्मावती के संदर्भ में भी लागू होती है। फिल्म के सही या गलत होने का निर्णय जनता को तय करने दिया जाए। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं है जो अस्वीकार्य हो या औचित्यपूर्ण न हो। पद्मावती जरूर रिलीज होगी और अच्छा करेगी। उधर, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने 'पद्मावती' फिल्म के बढ़ते विवाद के बीच इसके निमार्ताओं की यह मांग ठुकरा दी है, जिसमें इसको पास करने संबंधित प्रक्रिया में तेजी का आग्रह किया गया था।
एएनआई की इस रिपोर्ट के मुताबिक सीबीएफसी ने साफ तौर पर फिल्म निमार्ताओं से कहा कि इसके नियमों के मुताबिक तय समय पर ही समीक्षा होगी। इसका मतलब यह है कि क्रमानुसार आवेदन के लिहाज से जब इसका नंबर आएगा, तभी इस पर विचार किया जाएगा। इससे पहले यह फिल्म जब सेंसर बोर्ड के पास भेजी गई थी तो बोर्ड ने तकनीकी खामी के आधार पर इसको वापस भेज दिया था। इस बीच 'पद्मावती' के निमार्ताओं ने कहा कि उन्होंने संजय लीला भंसाली की इस फिल्म को रिलीज करने की प्रस्तावित तारीख टाल दी है।
पहले इस फिल्म को एक दिसंबर को रिलीज होना था। अपने बयान में 'वायकॉम18 मोशन पिक्चर्स' के एक प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने 'स्वेच्छा' से यह फैसला किया है। 'पद्मावती' के निर्माण में शामिल स्टूडियो 'वायकॉम18 मोशन पिक्चर्स' ने स्वेच्छा से फिल्म को रिलीज करने की तारीख एक दिसंबर 2017 से आगे बढ़ा दी है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म पदमावती के संबंध में घोषणा की है कि यदि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर चित्तौड़ की महारानी (रानी पद्मावती) के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गए तो उस फिल्म को मध्यप्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं है। जो भी ऐसा करेगा उसका विरोध जायज है।