मुंबई। सोनम कपूर का कहना है कि भारतीय निर्माता अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में अपनी फिल्में ले जाने से इसलिए बचते हैं क्योकि उन्हें लगता है कि ‘फिल्म उत्सव’ का तमगा उनकी देश में कमाई कम कर देगा। इस साल 70वें कांस अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में एफटीआईआई की छात्रा पायल कपाड़िया की लघु फिल्म ‘आफटरनून क्लाउडस’ ही सिनेफाउंडेशन श्रेणी में जगह बना पाई है। सोनम से जब प्रतिष्ठित उत्सव में भारतीय फिल्मों के नहीं आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि भारतीय फिल्में यहां क्यों नहीं हैं, मुझे बस इतना पता है कि भारतीय बाजार अंतरराष्ट्रीय बाजार से काफी अलग है। उन्होंने कहा, जैसे ही आप एक फिल्म पर उत्सव का तमगा लगा देते हैं, तो निर्माताओं को यह लगता है कि फिल्म अच्छी कमाई नहीं करेगी। मुझे लगता है कि इस वजह से ही कई निर्माता अपनी फिल्में उत्सव में पेश नहीं करते, जब तक हमें उसके लिए वितरक की आवश्यकता न हो। उन्होंने कहा, मैंने कई निर्माताओं के साथ ऐसा अनुभव किया है, लेकिन मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। मेरा मानना है कि ‘स्लमडॉग मिलिनियर’ और ‘द लंच बॉक्स’ को केवल उत्सवों की वजह से ही विश्वव्यापी लोकप्रियता मिली।