पणजी। फिल्म निर्माता राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कहा है असहिष्णुता पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवाद में आए सुपरस्टार आमिर खान ‘माटी के असली लाल’ हैं और उन्हें कुछ भी साबित नहीं करना है।
बॉलीवुड अभिनेता आमिर (50) ने राष्ट्रीय राजधानी में एक पुरस्कार समारोह में कहा था कि वह कई घटनाओं से चिंतित हुए और उनकी पत्नी किरन राव ने यहां तक सुझाव दिया कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।
मेहरा ने ‘रंग दे बसंती’ फिल्म का निर्देशन किया था जिसमें आमिर मुख्य भूमिका में थे। मेहरा ने कहा कि आमिर की टिप्पणी पर आई प्रतिक्रिया को सुन कर वह आहत हुए।
मेहरा ने इफी से इतर पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘आमिर एक प्रिय मित्र हैं और मैं उस वक्त रो पड़ा जब कुछ लोगों ने टिप्पणी की, क्योंकि वह मेरे लिए माटी के असली लाल हैं।’’ देश में असहिष्णुता पर बढ़ती बहस के बीच मेहरा ने कहा कि यह मुद्दा हमेशा से रहा है और एक बढ़ती अर्थव्यवस्था का हिस्सा है।
फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ का निर्देशन करने वाले 52 वर्षीय निर्देशक ने कहा कि उन्हें अपने देश की कई समस्याओं के बावजूद इस पर गर्व है और एक नागरिक के तौर पर लगता है कि चीजों को सही करने के लिए किसी को लगातार विपरित परिस्थितियों से लड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र निर्माण के लिए यह एक सतत प्रक्रिया है। इसका कोई एक जवाब नहीं है। मेहरा को लगता है कि एक अन्य बढ़ता विवाद सेंसर बोर्ड का है लेकिन अध्यक्ष पहलाज निहलानी को बदलना समाधान नहीं है। वह चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘सेंसर बोर्ड को खत्म कर देना चाहिए। हमारो पास सेंसरशिप क्यों हो? यह पहलाज या भाजपा या फिर कांग्रेस के बारे में नहीं है। इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए। यह गलत चीज है।’’
उन्होंने कहा कि आपके पास फिल्म प्रमाणन हो सकता है। आप फिल्म पर पाबंदी लगा सकते हैं। उन्हें अदालत में जाने दीजिए। आप सेंसरशिप शुरू नहीं कर सकते। हम इसमें पहलाज को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं लेकिन इसे पूर्ववर्तियों ने शुरू किया था। सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 गलत है। अधिकारी किताबों से चलते हैं।’’
मेहरा ने एफटीआईआई के प्रदर्शनकारी छात्रों का समर्थन भी किया और उनसे अपनी लड़ाई नहीं छोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि छात्र देश के भविष्य के फिल्मनिर्माता हैं।