29 Mar 2024, 12:32:23 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

मुंबई। पंकज मल्लिक को एक ऐसी बहुमुखी प्रतिभा के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने अपने अभिनय. पार्श्वगायन और संगीत निर्देशन से बंगला फिल्मों के साथ ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी। पंकज मल्लिक का जन्म 10 मई 1905 को कोलकाता में एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता मनमोहन मल्लिक की संगीत में गहरी रूचि थी और वह अक्सर धार्मिक कार्यक्रमों में अपना संगीत पेश किया करते थे। पंकज मल्लिक ने अपनी शिक्षा कोलकाता के मशहूर स्काटिश चर्च कॉलेज से पूरी की।
 
घर में संगीत का माहौल रहने के कारण पंकज मल्लिक का रूझान भी संगीत की ओर हो गया और वह संगीतकार बनने का सपना देखने लगे। पिता ने संगीत के प्रति बढ़ते रूझान को पहचान लिया और उन्हें इस राह पर चलने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने दुर्गा दास बंधोपाध्याय और रवीन्द्र नाथ टैगोर के रिश्तेदार धीरेन्द्र नाथ टैगोर से संगीत की शिक्षा ली। वर्ष 1926 में महज 18 वर्ष की उम्र में कोलकाता की मशहूर कंपनी .वीडियोफोन. के लिये रवीन्द्र नाथ टैगोर के गीत.नीमचे आज प्रथोम बदल. के लिये पंकज मल्लिक को संगीत देने का अवसर मिला।बाद में उन्होंने टैगोर के कई गीतों के लिये संगीत निर्देशन किया।
 
पंकज मल्लिक ने अपने कैरियर की शुरूआत कोलकाता के इंडियन ब्राडकांिस्टग कंपनी से की।  वह बाद में वह कई वर्षो तक आॅल इंडिया रेडियो से भी जुड़े रहे। वर्ष 1933 में पंकज मल्लिक .न्यू थियेटर से जुड़ गये जहां उन्हें फिल्म .यहूदी की लड़की.में संगीत निर्देशन का मौका मिला। न्यू थियेटर में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध संगीतकार आर.सी.बोराल से हुयी जिनके साथ उन्होंने धूप छांव.प्रेसिडेंट. मंजिल और करोड़पति जैसी कई सफल फिल्मों में बेमिसाल संगीत दिया।
 
 
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