भिलाई। निगम क्षेत्र में बूंद-बूंद पानी के लिए लोगों को संघर्ष करते देखा जा सकता है वहीं निगम क्षेत्र में ऐसे भी लोग हैं जो घर में बोर कराकर पानी को बोतल बंद कर बेच रहे हैं। बिना किसी मानक के फिल्टर ड्रिंकिंग वाटर के नाम पर लोगो को बोर का पानी पिलाया जा रहा है। पानी की कालाबाजारी का यह व्यापार अब गली मोहल्लों में होने लगा है। नगर निगम क्षेत्र में कई लोगों ने ऐसे प्लांट बना रखे हैं और इनके पास न तो लाइसेंस है, न ही एनओसी। यह धंधा अवैध है, लेकिन खुलेआम और बेखौफ हो रहा है।
नगर निगम क्षेत्र में पॉश कॉलोनियों से लेकर बस्तियों में अब पाानी बेचने का कारोबार शुरू हो गया है। नेहरू नगर से लेकर खुर्सीपार तक यह धंधा जोरों से चल रहा है। अवैध तरीके से आर-ओ पानी बेचने का प्लांट लगा हुआ है। हैवी बोरिंग कराकर कारोबारी धरती का पानी निकालकर घर पर ही फिल्टर करते हैं और इस पानी को प्लास्टिक पाइप के जरिए चार व बोतलों में भरकर बाजारों में पहुंचा रहे हैं। यह पानी अधिकतर शादी समारोह में खपाया जा रहा है। कम कीमत पर जार का पानी मिलने के कारण लोग भी बिना सोचे समझे इस पानी का इस्तेमाल कर न जाने कितनी बीमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं।
अवैध धंधा, अधिकतर के पास लाइसेंस नहीं
निगम क्षेत्र कुछ नाम को छोड़ दिया जाए तो कई तो ऐसे हैं कि किसी के पास पानी बेचने का लाइसेंस नहीं है। न ही पानी की जांच कराकर किसी ने एनओसी ली है। पिछले चार पांच सालों में फिल्टर पानी बेचने का खेल शुरू है। खास बात यह है कि यह प्लांट घरों में लगा दिए गए हैं और घरेलू कनेक्शन पर चल रहे हैं। जबकि इनके लिए नियमानुसार कमर्शियल कनेक्शन सहित सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी करनी होती है। इस ओर नगर निगम के अधिकारियों की नजर ही नहीं है। इस मामले में निगम आयुक्त केएल चौहान का कहना है कि आर-ओ प्लांट यदि अवैध तरीके से चल रहे हैं तो यह गंभीर मामला है। सभी प्लांटों की जांच कराई जाएगी। दोषियों पर नियमानुसार कर्रवाई भी होगी।