दुर्ग। धमधा ब्लॉक के राजपुर स्थित शगुन गोशाला में गायों की मौत के मामले को लेकर नया खुलासा हुआ है। संचालक भाजपा नेता और जामुल नगर पालिका उपाध्यक्ष हरीश वर्मा मृत गायों की खाल उतारकर उसका उपयोग मछलियों के चारे के रूप में करता था। जांच के बाद गायों की मौत का कारण कुपोषण व भुखमरी को बताया गया है। गोसेवा आयोग के सचिव की रिपोर्ट पर धमधा पुलिस ने हरीश के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी को थाने में रखा है।
शगुन गोशाला में बुधवार को पहली बार 15 गायों की मौत का मामला सामने आया था। संचालक द्वारा मृत गायों को दफनाने के लिए गड्ढा खोदे जाने के बाद ग्रामीणों को इसकी जानकारी लगी। गुरुवार को गोसेवा आयोग अध्यक्ष बिसेसर पटेल ने धमधा एसडीएम राजेश पात्रे और पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को जांच के लिए मौके पर भेजा। गुरुवार को भी 12 गायों की मौत हो गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि भुखमरी व देखरेख के अभाव में गायें बीमार पड़ रही हैं और असमय मौत हो रही है। शुक्रवार को बिसेसर पटेल स्वयं राजपुर पहुंचे। इस दौरान पता चला तीन और गायों की मौत हो गई है। उन्होंने तुरंत गोशाला की 569 गायों को अन्य गोशाला में भेजने का आदेश दिया। इसके लिए कई गोशाला संचालकों से बात की जा रही है।
गायों की करता था तस्करी
छत्तीसगढ़ छात्र संगठन जोगी के अहिवारा विधानसभा अध्यक्ष संजय कुमार, जिला अध्यक्ष ईश्वर उपाध्याय सहित अन्य लोगों ने मामले में आरोपी के खिलाफ रासुका लगाए जाने की मांग की है। शुक्रवार को कलेक्टर के नाम सौंपे ज्ञापन में संचालक पर गायों की तस्करी करने, गाय की हड्डियों को टेलकम कंपनी (पाउडर) को बेचने का आरोप लगाया है। कुछ भाजपा नेताओं ने भी ग्रामीणों के हवाले से आरोप लगाया है कि हरीश मृत गायों की खाल उतारकर मछलियों के चारा के रूप में इस्तेमाल करने बेच देता था। गांव के निकट एक तालाब के किनारे मृत गायों को फेंक देता था।
अध्यक्ष खुद पहुंचे थाने
गोसेवा आयोग अध्यक्ष पटेल आयोग के सचिव के साथ स्वयं धमधा थाने पहुंच मामले की शिकायत की। आयोग के सचिव पाणिग्रही की शिकायत पर पुलिस ने हरीश वर्मा के खिलाफ छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिक्षण अधिनियम, पशु के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम तथा धारा 409 के तहत अपराध दर्ज किया है।
शिकायत में यह लिखा
शिकायत में उल्लेख है कि शगुन गोशाला की गायों के पोषण व रखरखाव के लिए वर्ष 2010 से लेकर अब तक 93 लाख 63 हजार रुपए अनुदान दिया गया है। गोशाला संचालक ने उक्त राशि का दुर्विनियोग किया, जिससे गोशाला में भुखमरी व कुपोषण की स्थिति निर्मित हो गई। इससे दो दिन में 30 गायों की मौत हो गई।
सभी आरोपों की कराएंगे जांच
शगुन गोशाला के संचालक हरीश वर्मा के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है। आरोपी के खिलाफ मृत गायों की खाल को उतारकर मछली चारा का उपयोग के लिए इस्तेमाल करने सहित अन्य शिकायतें मिली हैं। सभी शिकायतों की जांच कराई जाएगी। - बिसेसर पटेल, अध्यक्ष राज्य गोसेवा आयोग