भिलाई। बीमा कंपनी का टारगेट पूरा करने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले दिल्ली के दलाल व छत्तीसगढ़ के रीजनल मैनेजर सहित तीन आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार किया गया। लंबे समय से चल रही जांच के बाद आरोपियों का सुराग लेकर पुलिस की टीम दिल्ली के गाजियाबाद से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया। घटना का खुलासा करते हुए एसपी अमरेश मिश्रा ने पुलिस कंट्रोल रूम में बताया कि भिलाई भट्टी थाने में इसकी शिकायत दर्ज हुई थी।
सेक्टर -2 निवासी रिटायर्ड शिक्षक हेमनारायण पचौरी ने शिकायत की थी कि उसे भ्रम में डाल कर कराए गए बीमा का बोनस देने के नाम पर उनसे एक करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। शिकायत के बाद मामले की जांच में परत दर परत कई मामले खुले और इस तरह एक बड़े गिरोह को पकड़ने में सफलता मिली। पुलिस ने मामले में गाजियाबाद निवासी सौरभ वर्मा व मुकेश कुमार शर्मा तथा खुर्सीपार निवासी अरविंद कुमार बघेल को गिरफ्तार किया गया।
बीमा कंपनी का कर्मचारी आरोपी:
जांच में तथ्य सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी सौरभ वर्मा श्रीधर इंश्योरेंस ब्रोकर कंपनी लिमिटेड नोएडा में सीनियर मैनेजर के पद पर कार्यरत था। जिसके अधीनस्थ कीर्ति यादव अन्य टीएसओ कार्यरत थे। उक्त कंपनी के अधिकारियों द्वारा अधीनस्थों को अधिक से अधिक बीमा कराने एवं बीमा के टारगेट को पूरा करने के लिए दबाव बनाया जाता था।
जिसके कारण कंपनी के अधिनस्थ अधिकारी ग्राहकों को फर्जी नंबर एवं नाम से काल करके बीमा की राशि का बोनस देने का प्रलोभन देकर पैसे स्वयं के एकाउन्ट में डलाकर कुल राशि का 50 प्रतिशत खुद इस्तेमाल करते और बाकि राशि फर्जी व्यक्ति के नाम से बीमा कराकर कंपनी का टारगेट को पूरा करते थे। मामले में गिरफ्तार आरोपी सौरभ वर्मा से पूछताछ पर पता चला कि सौरभ वर्मा को खुर्सीपार भिलाई निवासी अरविंद बघेल ने हेम नारायण पचौरी का नंबर उपलब्ध कराया।
एलआईसी के बीमा पर बोनस का लालच
एसपी अमरेश मिश्रा ने बताया कि 2014 में हेमलाल ने एलआईसी में बीमा कराया था। कुछ दिनों बाद फोन आया कि उनके बीमा पर बोनस दिया जाना है और इसके अतिरिक्त 1800 रुपए पेंशन व 20 वर्ष की एक मुश्त राशि मिलेगी। 20 साल की एक मुश्त राशि के लालच में आकर हेमलाल ने 21 हजार रुपए क्लब नियूमेरो प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली की पते पर फोटो, पेन कार्ड व चेक सहित भेज दिया। इसके बाद उससे किसी न किसी बहाने से रुपए जमा कराते रहे।
11 जुलाई 2014 को गीताजंली सेठ ट्रांजेक्शन डिपाटर्मेंट एलआईसी फिस नई दिल्ली को प्रार्थी द्वारा करीबन 2.50 लाख रुपए चेक के माध्यम से अथवा बैंक के एकाउन्ट में जमा किए गए। इसके बाद कुलदीप शर्मा नाम के व्यक्ति का फोन आया जिसमें प्रार्थी को फंड रिलीज करने के नाम पर 75 हजार रुपए चेक के माध्यम से देने की मांग की।
इसी प्रकार विनय सिंह राठौर, वीपी सुब्रामण्यिम द्वारा स्वयं को सीबीआई, पूजा शर्मा , पुरूषोत्तम वर्मा को आरबीआई का हेड बताकर 47 लाख रुपए वापसी की बात कह कर रुपए जमा कराए। इसी बीच स्वयं को एसबीआई दिल्ली का लीगल एडवाइजर बताते हुए कल्पना चौधरी एवं मुरलीधरन आदि के नाम से विभिन्न खातों में रकम जमा कराए। वर्ष 2015 में बीमा लोकपाल मिनिस्टर अलोक माथूर नाम से बीमा की बोनस राशि 68 लाख रुपए वापसी के नाम पर राशि जमा कराई गई। सीबीआई अधिकारी बनकर इरफान अली द्वारा प्रार्थी से ठगी की गई। इसी तरह गीताजंली सेठ, ओमप्रकाश यादव आदि नामों से फोन कर लगभग एक करोड़ की ठगी की गई।