नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र मंगलवार दोपहर शुरू हो गया। सत्र शुरू होने से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की। उन्होंने इस मुलाकात के दौरान जंग को एसीबी पर आए दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले की कापी भी दिखाई।
विधानसभा में उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब आप विधायक अलका लांबा ने सदन में कहा कि केंद्र सरकार को दिल्ली के उपराज्यपाल से मोटा माल मिलता है। लांबा के इस बयान पर भाजपा विधायक ओमप्रकाश शर्मा अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गए और उन्हें काफी खड़ी खोटी सुनाई। काफी समझाने के बाद भी जब भाजपा विधायक ने हंगामा जारी रखा तो सदन में मार्शल बुलाकर उन्हें बाहर निकाल दिया गया।
स्पीकर ने कहा कि मैं दिल्ली का एक नागरिक हूं और विधायक भी हूं। इसलिए उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरीके से कॉन्स्टेबल को एसीबी ने गिरफ्तार किया और फिर एसीबी के खिलाफ ही दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। उसके खिलाफ मैं भी हूं।
इस मुद्दे पर बीजेपी विधायक ओम प्रकाश शर्मा भड़क उठे और कहा कि आप स्पीकर हैं और विधायकों की तरह बात नहीं कीजिए। अगर विधायक की तरह बात करेंगे तो विधायकों के पास आकर बैठिए। इस पर फिर हंगामा हुआ और स्पीकर ने बीजेपी के विधायक ओम प्रकाश शर्मा को मार्शल के जरिए बाहर करने का आदेश दे दिया।
मनीष सिसोदिया ने सदन में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। सिसोदिया ने कहा कि संविधान को दरकिनार कर अधिसूचना जारी की गई। हम एसीबी के जरिए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना चाहते हैं लेकिन केंद्र सरकार इससे नाराज है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली से हर हाल में भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। प्रस्ताव पर 20 से 25 विधायक अपनी राय रखेंगे। बुधवार को इसे पारित कर उपराज्यपाल नजीब जंग के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।