नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने इंटरनेट पर तेजी से लोकप्रिय हो रहे 'ब्लू व्हेल' गेम के खिलाफ दायर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व दिल्ली पुलिस को नोटिस भेज जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने इस गेम के द्वारा बच्चों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई है।
गूगल-याहू से भी मांगा जवाब
इसी मामले में कोर्ट ने फेसबुक इंडिया, गूगल इंडिया और याहू इंडिया के एमडी से भी जवाब मांगा है कि आखिर क्यों न इस गेम के सभी लिंक्स पर बैन लगा दिया जाए।
अगली सुनवाई 19 सितंबर को
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की है। इससे पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने ब्लू व्हेल चैलेंज के जरिए बच्चों के आत्महत्या करने की घटनाओं पर चिंता जताई थी।
पिछली सुनवाई में कही थी ये बातें
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ ने इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि आखिर क्यों युवा भी इस खेल में शामिल हो रहे हैं।
अदालत ने कहा कि 50 दिवसीय यह गेम आत्मघाती है और गेम का प्रशासक उन्हें गंभीर टास्क देता है। हालांकि, अदालत ने याचिका के आधार पर गूगल, फेसबुक व याहू सहित अन्य कंपनियों को ब्लू व्हेल के लिंक को हटाने का फिलहाल निर्देश देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने याची को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या सरकार ने ब्लू व्हेल गेम डाउनलोड करने पर रोक लगाने के संबंध में कोई आदेश जारी किया है या नहीं। अदालत ने सुनवाई 22 अगस्त तय की है।
अदालत ने याचिकाकर्ता वकील गुरमीत सिंह को उक्त जानकारी देने का निर्देश देते हुए सुनवाई 22 अगस्त तय की थी। उससे दो दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने गूगल, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, माइक्रोसॉफ्ट और याहू जैसी इंटरनेट कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे भारत में ब्लू व्हेल चैलेंज गेम का लिंक हटा दे। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को ही हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।