नई दिल्ली। आपको बटर चिकन पसंद हो या फ्राइड चिकन, ये दोनों ही आपकी सेहत को खतरे में डाल सकते हैं। नए अध्ययन में किया गया यह दावा सिर्फ भारतीयों के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के बाकी लोगों के लिए भी है। भारतीय-अमेरिकी अध्ययन के अनुसार, अपने बड़े पोल्ट्री फार्मों के लिए प्रसिद्ध पंजाब में शायद ऐसे 'सुपरबग ' या बैक्टीरिया पैदा हो रहे हैं, जिनपर नियमित एंटीबायोटिक प्रभावी नहीं हो पाते। अध्ययन में पंजाब के पोल्ट्री फार्मों में एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया की भारी मौजूदगी का संकेत दिया गया है और पशुपालन में वृद्धिकारक एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल के कारण मानव स्वास्थ्य पर पड़ सकने वाले भयावह प्रभाव की चेतावनी दी गई है। हाल ही में सेवानिवृत्त् हुई विश्व स्वास्थ्य संगठन की महानिदेशक माग्रेट चान ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के चमत्कार और 'वंडर ड्रग्स ' कहलाने वाले एंटीबायोटिक्स के संदर्भ में कहा, ' 'दुनिया इन चमत्कारी उपचारों को खोने के कगार पर है।
नए अध्ययन में कहा गया कि पंजाब के भीड़भाड़ वाले पोल्ट्री फार्मों में सुपरबग के पनपने की आशंका है। अगली बार जब आप संक्रमण की चपेट में आएंगे तो नियमित एंटीबायोटिक्स के जरिए उसे ठीक करना मुश्किल हो जाएगा। यह सुपरबग्स का पनपना है। आप इसके लिए खासतौर पर पंजाब के पोल्ट्री फार्मों को दोष देने का सोच सकते हैं, जहां विशेषज्ञों का कहना है कि मुर्गों को मोटा बनाने के लिए एंटी बायोटिक्स का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है। पोल्ट्री फार्म एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल बीमार जानवरों के उपचार के लिए नहीं बल्कि उन्हें जल्दी मोटा बनाने के लिए कर रहे हैं।
सेंटर फॉर डिसीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी, वाशिंगटन डीसी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन को एनवार्यमेंटल हेल्थ परस्पेक्टिव्स में प्रकाशित किया गया। इस अध्ययन में पाया गया है कि पंजाब के फार्मों में पाले गए मुर्गों में एंटीबायोटिक विरोधी बैक्टीरिया उच्च स्तर पर पाए गए। अध्ययन के लेखक और सीडीडीईपी के निदेशक रमनन लक्ष्मीनारायण ने कहा- पशु फार्मों में एंटीबायोटिक्स का अधिक इस्तेमाल हम सबको खतरे में डालता है क्योंकि यह पर्यावरण में दवा प्रतिरोधकता को बढ़ा देता है।