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सरकार का विरोध कर रहे, किसानों ने पिया मूत्र, कल खाएंगे मल?

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 22 2017 11:59AM | Updated Date: Apr 22 2017 4:37PM
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नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसान पिछले 38 दिनों से अपने दर्द की ओर ध्यान खींचने के लिए दिल दहलाने वाली कोशिशें कर चुके हैं और शनिवार को तो उन्होंने मानव मूत्र पीकर अपना विरोध जताया। किसानों का कहना है कि अगर उनकी अब भी नहीं सुनी गई तो वो रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे।

समर्थन में जुटे सियासत और सिनेमा के सितारे 

वहीं, जंतर-मंतर पर किसानों के समर्थन में कई नेता और दक्षिण भारतीय सिनेमा के सितारे पहुंचे हैं। राहुल गांधी के अलावा मणिशंकर अय्यर और डीएमके सांसद कनिमोझी किसानों से मिल चुकी हैं। भारतीय किसान यूनियन ने भी इस आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
 
13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है। अदालत के मुताबिक ऐसे स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे। कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। इसके साथ ही मामले में गोपाल शंकरनारायण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।
 
क्या चाहते हैं किसान?
 
तमिलनाडु के किसान 38 दिनों से केंद्र से कर्जमाफी और वित्तीय सहायता की मांग के साथ धरने पर हैं। वे अब जंतर मंतर में प्लास्टिक की बोतलों में एकत्र मूत्र के साथ बैठे हैं और सरकार से प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे पहले विरोध जताते हुए ये किसान निर्वस्त्र हो चुके हैं। तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं। दक्षिण-पश्चिमी मानसून और पूर्वोत्तर मानसून सामान्य से 60 फीसदी बरसा है। ऐसे में कर्ज का बोझ उनकी जिंदगी को और कठिन बना रहा है। किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। दूसरी ओर, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने का निर्देश दिया है।
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