नई दिल्ली। बीते करीब 30 सालों तक भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा करने वाले 'लॉन्ग रेंज समुद्री गश्ती विमान टीयू 142 एम' नौसेना से बुधवार को रिटायर होने जा रहा है। विमानवाहक पोत आईएनएस विराट के जाने के बाद नौसेना से यह दूसरी अहम विदाई होगी ।
टीयू 142 एम की जगह अब मिसाइलों, रॉकेटों और टॉरपीडो से लैस 12 पोसाइडन -8 आई लांग रेजे पेट्रोल विमान लेंगे, जिनमें से 8 विमानों की अमेरिका से आपूर्ति हो चुकी है। इन्हें अमेरिका से 3.2 अरब डालर में खरीदा गया है।
टीयू 142 एम विमानों ने नौसेना के सभी प्रमुख अभ्यासों और ऑपरेशन में हिस्सा लिया है। मालदीव में ऑपरेशन 'कैक्टस' के दौरान टीयू 142 विमानों ने अहम जिम्मेदारी निभाई थी। वही हवाई निगरानी के लिए श्रीलंका से संचालन मिशन में भाग लिया था । हिंद महासागर में दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों पर कड़ी नजर रखने में भी ये काफी मददगार साबित हुई है।
इस विमान बेड़े को नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में तमिलनाडु के अरक्कोणम स्थित नौसेना के आईएनएस रजाली अड्डे में आयोजित विशेष समारोह में विदा किया जाएगा। इस मौके पर एडमिरल लाबां विदा हो रहे विमान बेड़े के योगदान को यादगार बनाने के लिए एक डिस्प्ले एयरक्राफ्ट का भी उद्घाटन करेंगे। इसी दिन आईएनएस रजाली की रजत जयंती भी मनाई जाएगी।