नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बार फिर दिल्ली की केजरीवाल सरकार को करारा झटका दिया है। केंद्र ने केजरीवाल सरकार के विधायकों की सैलरी में 400 गुना की बढ़ोतरी संबंधी प्रस्ताव दिल्ली सरकार को वापस भेज दिया है। गृहमंत्रालय ने इस विधेयक को वापस लौटाते हुए केजरीवाल सरकार से इस मामले में कई और जानकारियां मांगी हैं। बता दें कि इस बिल को लेकर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच कई बार गतिरोध पैदा हो चुका है।
...तो 2.1 लाख रुपए हो जाएगी सैलरी
बता दें कि दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों की सैलरी बढ़ाने संबंधी एक प्रस्ताव को केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे एक बार फिर गृहमंत्रालय ने केजरीवाल सरकार को वापस भेज दिया है। दिल्ली सरकार के विधेयक के मुताबिक जिन विधायकों को अभी 88 हजार रुपए सैलरी मिल रही थी उनकी सैलरी इस प्रस्ताव के पास हो जाने के बाद 2.1 लाख रुपए हो जाएगी।
सहीं तरीके से नहीं भेजा गया प्रस्ताव
बता दें कि इस मामले में गृहमंत्रालय ने एक लाइन की टिप्पणी के साथ दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को लौटा दिया है। गृहमंत्रालय की और से इस प्रस्ताव को लेकर लिखा गया है कि - यह प्रस्ताव सही तरीके से नहीं भेजा गया है। इस पर आगे कोई भी विचार तब किया जाएगा, जब इसे सही तरीके से भेजा जाएगा।
भ्रष्टाचार पर लगाम का दिया था तर्क
केजरीवाल सरकार ने सैलरी में इस तरह की वृद्धि के पीछे तर्क दिया था कि इसके चलते भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सकेगा। जब विधायकों को पर्याप्त मात्रा में अपनी सैलरी मिलेगी तो वह किसी तरह के भ्रष्टाचार से दूर रहेंगे। बहरहाल केंद्र ने यह बिल दिल्ली सरकार को लौटाने के साथ ही एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इससे पहले भी केजरीवाल सरकार केंद्र की मोदी सरकार पर इस बिल को जानबूझकर लटकाने के आरोप लगाती रही है।