नई दिल्ली। केरल पर्यटन के राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करने के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं और चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह के दौरान घरेलू पर्यटकों की संख्या पहले की इसी अवधि के एक करोड 13 लाख की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़कर एक करोड 32 लाख पर पहुंच गई। केरल के पर्यटन मंत्री कदकमपल्ली सुरेंद्रन ने मंगलवार को घरेलू विपणन अभियानों के पहले चरण के सफलतापूर्वक पूरा होने और दूसरे चरण के प्रारंभ होने के संबंध में जानकारी देने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में घरेलू पर्यटकों का मोह लगातार बढ़ रहा है और हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में और जोरदार वृद्धि हासिल होगी।
सुरेंद्रन ने बताया कि अभियान के दूसरे चरण के तहत देश के 10 शहरों में भागीदारी सम्मेलनों का आयोजन और प्रमुख पर्यटन व्यापार मेलों में भाग लेकर केरल के पारंपरिक कला रूपों तथा पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक उत्पादों के प्रति पर्यटकों को अधिक से अधिक आकर्षित किया जा सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के भागीदारी सम्मेलनों के दूसरे चरण की शुरुआत जनवरी में की जा चुकी है और यह अगले माह तक जारी रहेगा। जनवरी में यह सम्मेलन हैदराबाद, विशाखापत्तनम, कोलकाता और गुवाहाटी में आयोजित किए गए हैं जबकि इस माह अमृतसर और चंडीगढ़ में सफल आयोजन के बाद दिल्ली में सम्मेलन आयोजित किया गया है।
देश के गुलाबी नगरी के नाम से प्रसिद्ध जयपुर में 20 फरवरी, बेंगलुरु में तीन मार्च और चेन्नई में पांच मार्च को सम्मेलन आयोजित किए जायेंगे। कदकमपल्ली ने बताया कि केरल ट्रेवल मार्ट के 11 वें संस्करण का प्रारंभ इस वर्ष 24 सितंबर से होगा। इसका आयोजन विलिंगडन द्वीप समूह के कोच्चि पोर्ट ट्रस्ट के सागर और समुद्रिका सभागृहों में 25 और 27 सितंबर को होगा। राज्य की पर्यटन सचिव रानी जार्ज ने कहा केरल में घरेलू पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी यह दर्शाती है कि अभियान पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल रहा है।
उन्होंने कहा कि देशभर से पर्यटक केरल में न केवल धरोटर के मामले में समृद्ध और मनोहर छठा का अनुभव करने आते हैं बल्कि उन्हें विशेषकर विशु, त्रिशूरपरम और अन्य कई त्योहारों के आयोजन से सम्मान का भी अनुभव होता है। जार्ज ने बताया अगले वर्ष 20 से 26 जनवरी तक तिरुवनंपुरम के मध्य हरे-भरे कनकाक्कुन्नु पैलेस में सात दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव निशागांधी त्योहार का आयोजन होगा। इसके जरिये कला प्रेमियों को देश के सर्वश्रेष्ठ और उभरती प्रतिभाओं के नजदीक आने का अवसर होगा। उत्सव के दौरान ओडिशी, कथक, भरतनाट्यम, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम , छाउ और कुचीपुड़ी जैसे नृत्यों का भव्य मंचन किया जायेगा।