नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने महिला सैन्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले पर पूरे देश को धन्यवाद देते हुए सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विचार का समर्थन किया जबकि कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। भाजपा सांसद एवं प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, महिला सैन्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन देकर हमने इतिहास रचा है और मैं इसके लिये पूरे देश का धन्यवाद करना चाहती हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला सैन्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिये जाने के विचार का समर्थन किया था और उन्होंने 2018 में लाल किले से दिये अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में नीति में बदलाव की बात भी कही थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से 2010 में महिला सैन्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिये जाने के फैसले के पहले पूरजोर विरोध किया था। लेखी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के मामले पर सरकार के प्रति असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, अगर वह (गांधी) कांग्रेस सरकारों द्वारा महिला सैन्य अधिकारियों के स्थायी सदस्यता देने के खिलाफ कोर्ट में दायर की गयी याचिकाओं से अवगत होते तो ऐसी प्रतिक्रिया नहीं देते। लेखी ने कहा, यह आपकी (कांग्रेस की) सरकार थी जिसने इस निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
इसबीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि न्यायालय में सरकार ने इस संबंध में जो तर्क दिया उससे देश की हर महिला अपमानित हुई है। उन्होंने कहा, मैं भारतीय महिलाओं को मजबूती के साथ खड़े होने तथा सरकार के तर्क को गलत साबित करने के लिए बधाई देता हूं। गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि केंद्र सरकार कॉम्बैट ब्रांचों को छोड़कर अन्य शाखाओं में महिला सैन्य अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने को बाध्य है।