नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के लिए राजधानी की नई दिल्ली सीट से निर्दलीय के रूप में पर्चा दाखिल करने वाले करीब 20 लोगों ने आम आदमी पार्टी (आप)के संयोजक एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निर्वाचन अधिकारी की ओर से प्राथमिकता दिये जाने को समानता के अधिकार का हनन बनाया है और उनका नामांकन रद्द करने की मांग की है। पर्चा दाखिल करने वाले इन लोगों ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि नई दिल्ली विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल करने के अंतिम 21 जनवरी को जामनगर हाउस स्थित निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में वे पहले से कतार में थे तभी श्री केजरीवाल वहां पहुंचे और तत्काल उन्हें निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में ले जाया गया।
उन्हें खान-पान आदि सभी सहूलियतें प्रदान की गयीं जबकि अन्य उम्मीदवारों के लिए किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गई। इन लोगों में से एक व्यक्ति किरण पाल सिंह त्यागी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समानता के अधिकार का उल्लंघन करके केजरीवाल को विशेष तरजीह दी गयी अत: उनका नामांकन रद्द किया जाये। निर्वाचन अधिकारी की नजर में सभी प्रत्याशी समान होने चाहिए। इस तरह का भेदभाव करने वाले निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के कर्मचारियों को दंडित किया जाए। त्यागी ने कहा कि वह इस मामले को न्यायालय में ले जायेंगे और इसके लिए विधिक तैयारियां कर रहे हैं।