नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) की सदस्यता से इस्तीफा देने वाले नेता राजकुमार पासवान ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच साल दलितों के लिए कुछ नहीं किया बल्कि ढोल पीटते रहे इसलिए उन्हें पार्टी से त्याग पत्र देना पड़ा। बिहार के हाजीपुर से आप के टिकट पर लोक जनशक्ति पार्टी के नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ चुके राजकुमार ने यूनीवार्ता को बताया कि केजरीवाल ने किसी दलित को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया और न ही विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण भी नहीं दिया। उन्होंने बताया कि केजरीवाल की ईमानदार छवि अब उजागर हो गई है और उनका पाखंड सामने आ गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी में संत रविदास की मूर्ति तोड़े जाने पर वह चुप रहे तथा नागरिकता मुद्दे पर भी खामोश रहे। शाहीन बाग में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में धरने पर बैठी औरतों के पक्ष में एक शब्द नहीं बोला। उन्होंने कहा कि आप पार्टी से तो बेहतर कांग्रेस ही है जिसने सभी धर्मों और जातियों को साथ लेकर विकास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल नकली नकाबपोश अम्बेडकरवादी हैं। पासवान ने कहा कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय की नौकरी छोड़कर केजरीवाल के साथ आये पर गहरी निराशा हुई।