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नारी समाज को संरक्षण नहीं बल्कि बराबरी का हक देने की जरुरत : नायडू

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 16 2019 1:03AM | Updated Date: Nov 16 2019 1:04AM
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नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ को भारतीय परिवार की रीढ़ करार देते हुए आज कहा कि नारी समाज का संरक्षण करने की नहीं बल्कि उसे बराबरी का हक देने की जरुरत है। नायडू ने यहां ‘‘वैश्विक माता सम्मेलन 2019- परिवार प्रणाली और माता की भूमिका’’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि नारी भारतीय सभ्यता के केंद्र में रही है। किसी भी परिवार में माता केंद्र में होती है। उन्होंने अपने वक्तव्य में शास्त्रों, पुराणों और उपनिषदों का उल्लेख किया। 

उन्होंने कहा कि नारी समाज का संरक्षण करने की नहीं बल्कि उन्हें बराबरी का हक देने की जरुरत है। भारतीय संस्कृति में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। पारिवारिक मूल्य कमजोर पड़ने पर अफसोस व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ रही है और बुजुर्ग महिलाओं को अकेला छोडा जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने नारी सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा उठायें गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति व्यवहार किसी भी सभ्यता के वास्तविक चरित्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पूर्वजों ने भारतीय परिवार प्रणाली को बेहतर बनाया और उसमें त्याग, सम्मान और समभाव की भावना जागृत की। पूरा विश्व भारत से इस मामले में सीख ले सकता है।’’

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